नई दिल्ली। दवाई की दुकानों पर आसानी से मिलने वाली दर्द निवारक और कफ सिरफ जैसी दवाएं अब नहीं मिलेंगी। केंद्र सरकार ने इन दवाओं पर प्रतिबंध लगा दिया है। इसके लिए अधिसूचना भी जारी की दी गई है। इन दवाओं में सर्दी जुकाम, सिरदर्द और दस्त जैसी बीमारियों की आम दवाएं शामिल हैं। बताया जा रहा है कि इन दवाओं का कारोबार करीब 4 हजार करोड़ रुपये का है और आसानी से बिना किसी डाॅक्टर के पर्ची के भी उपलब्ध हो जाती है। यह दवाएं फिक्सड डोज कॉम्बिनेशन (एफडीसी) हैं और अब इसका इस्तेमाल इलाज से ज्यादा नशे के लिए होने लगा है।
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गौरतलब है कि देश भर के मेडिकल स्टोर्स पर अगर इन दवाओं को बेचने की जानकारी मिलती है तो दुकानदार के खिलाफ कार्रवाई भी की जा सकती है। देश में इन दवाओं के करीब 6 हजार से अधिक ब्रांड हैं जिनमें से सेरिडॉन, डीकोल्ड, फेंसिड्रिल, जिंटाप काफी प्रसिद्ध हैं। केंद्र सरकार द्वारा इन दवाओं की बिक्री पर रोक लगाने से दवा तैयार करने वाली कई मशहूर कंपनियों को बड़ा झटका लगा है।
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यहां बता दें कि ड्रग टेक्नोलाॅजी एडवाइजरी बोर्ड (डीटीएबी) ने स्वास्थ्य मंत्रालय को इन दवाओं पर प्रतिबंध लगाने की सिफारिश की थी। डीटीबीए ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद मंत्रालय को सामान्य तरीके से उपलब्ध होने वाली दवाओं पर रोक लगाने के निर्देश दिए थे। अब केंद्र सरकार ने इसके लिए अधिसूचना जारी कर दी है। अब इस बात का भी अंदेशा जताया जा रहा है कि सरकार के इस फैसले के खिलाफ कई दवा निर्माता कंपनियां कोर्ट में जा सकती हैं।
आपको बता दें कि प्रतिबंध लगने के बाद करीब 343 सामान्य दवाएं अब मेडिकल स्टोर पर नहीं मिलेंगी। अगर कोई दुकानदार इसे बेचते हुए पाया जाता है तो दवा निरीक्षक के द्वारा उसके खिलाफ मुकदमा भी दर्ज किया जा सकता है।