नई दिल्ली । देश में नोटबंदी के बाद बैंक और डाकघरों में जमा किए गए कालेधन पर शिकंजा कसने के लिए सरकार ने एक और फरमान जारी कर दिया है। असल में सरकार ने सभी बचत खातों के लिए पैन कार्ड विस्तार देना जरूरी कर दिया है। सरकार ने उन बचत खाता धारकों (सेविंग अकाउंट) से 28 फरवरी तक फार्म 60 जमा कराने लिए कहा है। ऐसे में उन खाताधारकों को जिन्होंने अपने पैन कार्ड की जानकारी बैंकों को नहीं दी है उन्हें ये दस्तावेज देने के लिए अगले महीने तक का समय दिया है। बहरहाल, सरकार के इस फरमान के बाद से कुछ लोगों में उथल-पुथल मच गई है।
बैंक-डाकघर 15 जनवरी तक सौंपेग डाटा
कुछ लोगों द्वारा अपना कालाधन बैंकों में जमा करवाने की खबरों के बीच सरकार ने ऐसे लोगों पर शिकंजा कसने के लिए एक और कदम उठाया है। आदेशों के तहत बैकों को अपने यहां 9 नवंबर से 30 दिसंबर तक, उन सभी खातों की जानकारी आयकर विभाग को देनी है, जिसमें 2.5 लाख रुपये से ज्यादा जमा करवाए गए हैं। इतना ही नहीं मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना में बैंकों से उन चालू खातों (करेंट अकाउंट) के बारे में भी सूचना मांगी गई है, जिनके खातों में 12.5 लाख रुपये या उससे ज्यादा रकम जमा की गई है। इतना ही नहीं इन खातों के 1 अप्रैल से 9 नवंबर तक की ट्रांजेक्शन का भी रिकॉर्ड मांगा गया है।
50 हजार से ज्यादा के लेनदेन पर पैन नंबर जरूरी
मंत्रालय की ओर से जारी अधिसूचना के मुताबिक, नकद लेन-देन पर बैंकों,होटल, रेस्टोरेंट समेत अन्य संस्थानों को रिकॉर्ड के साथ पैन कार्ड या फॉर्म 60 रखना जरूरी होगा। वित्त मंत्रालय के अनुसार, सरकार द्वारा की गई व्यवस्था के चलते अब उन लोगों को पकड़ा जा सकेगा जिन्होंने फर्जी बैंक खातों में गैर कानूनी आय जमा करवाई थी।
बचत खातों में बची है केवाईसी प्रक्रिया
वित्त मंत्रालय का मानना है कि देश के बैंकों में चल रहे चालू खातों में तो केवाईसी प्रक्रिया पूरी हो जाती है लेकिन अभी तक बड़ी संख्या में ऐसे बचत खाते हैं जिनमें केवाईसी प्रक्रिया अधूरी पड़ी है। ऐसे खाताधारकों ने अभी तक पैनकार्ड विस्तार से जुड़ा फॉर्म 60 नहीं भरा है। अब अगर 28 फरवरी के बाद भी इन खातों का कोई रिकॉर्ड जमा नहीं होता, तो सरकार ऐसे खाताधारकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर सकती है।