नई दिल्ली। केन्द्र सरकार ने जिओ समेत सभी निजी टेलीकाॅम कंपनियों को शनिवार को एक बड़ा झटका दिया है। दूरसंचार मंत्रालय ने टेलिकाॅम कंपनियों के ई केवाईसी के लिए आधार नंबर का उपयोग करने पर रोक लगा दी है। सरकार के इस फैसले से दूरसंचार कंपनियों को अब सिम वेरिफिकेशन के लिए पुराने तरीके अपनाना होगा। यहां बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने भी सिम को आधार से जोड़ने पर रोक लगा दी थी। दूरसंचार मंत्रालय की ओर से सभी कंपनियों को इस आदेश को लागू करने के लिए 5 नवंबर तक का समय दिया है।
गौरतलब है कि दूरसंचार कंपनियां अभी तक मोबाइल वेरिफिकेशन और ई केवाईसी के लिए आधार नंबर का इस्तेमाल कर रही थी लेकिन अब सरकार के इस फैसले से उन्हें बड़ा झटका लगा है। इन कंपनियों को अब सिम वेरिफिकेशन के लिए पुराने तरीकों को अपनाना होगा। ऐसे में उसका खर्च बढ़ने की संभावना है। यहां गौर करने वाली बात है कि सुप्रीम कोर्ट ने भी सिम को आधार से जोड़ने को निजता का हनन मानते हुए इस पर रोक लगा दी थी।
ये भी पढ़ें - सुधा भारद्वाज की बढ़ सकती हैं मुश्किलें, पूछताछ करने पहुंची पुलिस, हो सकती हैं गिरफ्तार
आपको बता दें कि दूर संचार मंत्रालय की ओर से सभी टेलिकाॅम कंपनियों को 5 नवंबर तक इस आदेश को लागू करने का समय दिया है। इसके साथ ही मंत्रालय ने कंपनियों से कहा है कि वो केवाईसी के लिए आधार के अलावा अन्य डिजिटल तरीके का इस्तेमाल कर सकते हैं। प्रक्रिया को पेपरलेस बनाने के लिए कंपनियां ग्राहक की फोटो तुरंत खींचने और आईडी प्रूफ को स्कैन कर सकते हैं। आधार नंबर की संवैधानिक वैधता को बरकरार रखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बहुत सारी सेवाओं के लिए इसका प्रयोग बरकरार रखा है। हालांकि कोर्ट ने कई सेवाओं में आधार नंबर का प्रयोग करना अवैध करार कर दिया है।