नई दिल्ली। संसद का मानसून सत्र शुक्रवार को खत्म होने वाला है। सत्र के अंतिम दिन सरकार राज्य सभा में तीन तलाक बिल को पेश करेगी। सत्ता पक्ष को उम्मीद है कि विपक्ष इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर उनका साथ देगी और इस बिल को राज्यसभा मंे पास कर दिया जाएगा। गौर करने वाली बात है कि सरकार ने इस बिल को पिछले सत्र में भी पेश किया था लेकिन कांग्रेस ने इसमें खामियां बताई थी अब सरकार ने इसमें संशोधन कर दिया है।
गौरतलब है कि गुरुवार को ही राज्यसभा के उपसभापति का चुनाव हुआ जिसमें एनडीए के उम्मीदवार हरिवंश नारायण सिंह को जीत हासिल हुए। ऐसे में फिलहाल राज्यसभा में उसकी स्थिति मजबूत नजर आ रही है और सरकार इस बिल को पास कराने की पूरी कोशिश करेगी।
यहां बता दें कि संशोधित बिल में तीन तलाक (तलाक-ए-बिद्दत) के मामले को गैर जमानती अपराध तो माना गया है लेकिन संशोधन के हिसाब से अब मजिस्ट्रेट को जमानत देने का अधिकार होगा। इस विधेयक में एक और संशोधन किया गया है जिसमें तीन तलाक पीड़ित के रिश्तेदार या फिर खून के रिश्ते वाला शख्स शिकायत दर्ज करा सकता है। पिछले सत्र में इस बिल को लेकर दोनों पक्षों के बीच काफी तीखी बहस हुई थी। कांग्रेस ने इसमें खामियां बताते हुए इसे प्रवर समिति में भेजने की मांग की थी।
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सरकार ने किए ये संशोधन
- ट्रायल से पहले पीड़िता का पक्ष सुनकर मजिस्ट्रेट दे सकता है आरोपी को जमानत।
- पीड़िता, परिजन और खून के रिश्तेदार ही एफआईआर दर्ज करा सकते हैं।
- मजिस्ट्रेट को पति-पत्नी के बीच समझौता कराकर शादी बरकरार रखने का अधिकार होगा।
- एक बार में तीन तलाक बिल की पीड़ित महिला मुआवजे की अधिकार।
गौर करने वाली बात है कि तीन तलाक से संबंधित मुसलिम महिला विवाह संरक्षण बिल लोकसभा से पास हो चुका है। यह बिल एनडीए की अल्पमत वाली राज्यसभा में अंटका हुआ है। अब इस बिल को राज्यसभा में पास होने के बाद एक बार फिर लोकसभा से ग्रीन सिग्नल लेना होगा।