नई दिल्ली। अब जल्द ही सड़कों पर गाड़ियों तेज हाॅर्न से लोगों को निजात मिलने वाली है। सरकार हाॅर्न से होने वाले शोर की सीमा को घटाकर 100 डेसीबल करने की योजना बना रही है। बता दें कि यह कमी मौजूदा सीमा में यह कमी 10 फीसदी की है। केंद्रीय मोटर वाहन नियमों के अनुसार हॉर्न के लिए शोर की रेंज 93 से 112 डेसीबल्स है। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि जल्द ही इस सीमा को 88 डेसीबल से 100 डेसीबल करने पर विचार किया जा रहा है।
गौरतलब है कि सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के संयुक्त सचिव अभय दामले ने बताया कि भारत के शहरों में ध्वनि प्रदूषण बहुत ज्यादा है और अक्सर इस बात की शिकायतें आती हैं कि लोगों को सुनने में दिक्कतें आती हैं। इसीके मद्देनजर मंत्रालय के द्वारा यह फैसला लिया गया है। मंत्रालय ने ऑटोमोबाइल कंपनियों और सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स के साथ इस संबंध में कई बार बातचीत की है।
ये भी पढ़ें - शिकागो में हिन्दू समुदाय को लेकर आरएसएस प्रमुख का बड़ा बयान, कहा-सालों से प्रताड़ित हो रहा हिंदू
आपको बता दें कि मंत्रालय के लिए गाड़ियों के हाॅर्न तो चुनौती है ही वहीं लोगों के द्वारा गाड़ियों में लगाए जाने वाले प्रेशर हाॅर्न और मल्टीटोन हॉर्न का डेसीबल स्तर प्रस्तावित मोटर नियम के मानकों की अत्यधिक सीमा से कहीं अधिक होता है। गौर करने वाली बात है कि तेज हॉर्न के मामले पर राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) के अलावा कई अदालतों ने भी इसकी आलोचना की थी लेकिन इसे कम करने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए।