नई दिल्ली। पिछले 6 दिनों में करीब 180 किलोमीटर पैदल चलकर मुंबई पहुंचा किसानों का आंदोलन खत्म हो गया। मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस से मुलाकात के बाद किसानों ने आंदोलन खत्म करने का आश्वासन दिया। किसानांे ने बताया कि अगर सरकार लिखित में यह कार्रवाई करने का भरोसा देती है तो आंदोलन का समाप्त किया जाएगा। बता दें कि करीब 3 घंटे तक चली बैठक में सरकार ने उन्हें कर्जमाफी का आश्वासन दिया है। सरकार ने यह भी कहा कि फॉरेस्ट लैंड पर 6 महीने के भीतर निर्णय लिया जाएगा क्योंकि इसमें कानूनी दावपेंच का सहारा लेना पड़ेगा। इसके लिए मंत्रियों के एक समूह का गठन किया गया है।
गौरतलब है कि किसान के इस आंदोलन को लेकर राजनीति भी तेज हो गई है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा है यह केवल महाराष्ट्र के किसानों की मांग नहीं है, बल्कि पूरे देश के किसानों की यही समस्या है। बता दें कि पूरे महाराष्ट्र के किसान 6 मार्च को नासिक से चलकर आज मुंबई पहंुचे थे बताया जा रहा था कि किसान बोर्ड परीक्षा के चलते आजाद मैदान में रुके हुए हैं, परीक्षा के खत्म होते ही ये किसान विधानसभा का घेराव करेंगे। बता दें कि महाराष्ट्र सरकार पहले ही कह चुकी थी वह किसानों से बात करने के लिए तैयार है। सरकार ने किसानों को बसों की सुविधा देने की भी बात कही थी लेकिन किसान ने उसे लेने से मना कर दिया था।
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ये हैं किसानों की मांग
-आंदोलन कर रहे किसानों की पहली मांग पूरे तरीके से कर्जमाफी है। बैंकों से लिया कर्ज किसानों के लिए बोझ बन चुका है। मौसम के बदलने से हर साल फसलें तबाह हो रही है ऐसे में किसान चाहते हैं कि उन्हें कर्ज से मुक्ति मिले।
- किसान संगठनों का कहना है कि महाराष्ट्र के ज्यादातर किसान फसल बर्बाद होने के चलते बिजली बिल नहीं चुका पाते हैं इसलिए उन्हें बिजली बिल में छूट दी जाए।
- फसलों के सही दाम न मिलने से भी वो नाराज है सरकार ने हाल के बजट में भी किसानों को एमएसपी का तोहफा दिया था लेकिन कुछ संगठनों का मानना था कि केंद्र सरकार की एमएसपी की योजना महज दिखावा है।
- किसान स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें भी लागू करने की मांग किसान कर रहे हैं