नई दिल्ली। जम्मू कश्मीर विधानसभा को भंग किए जाने के बाद हो रही बयानबाजी के बीच राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने गुरुवार को बड़ा बयान दिया है। सत्यपाल मलिक ने कहा कि उन्होंने कोई गलत काम नहीं किया है और न ही किसी तरह का पक्षपात किया है। उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर की जनता को देखते हुए यह फैसला लिया है। राज्यपाल ने कहा कि उन्हें पिछले कई दिनों ने उन्हें इस बात की शिकायत मिल रही थी कि विधायकों को डराने-धमकाने का काम किया जा रहा है। उन्होंने कांग्रेस और पीडीपी के गठबंधन को अपवित्र बताते हुए कहा कि उनका मानना है चुनाव के जरिए अब नई सरकार बने।
गौरतलब है कि राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने देर शाम विधानसभा को भंग कर दिया था। हालांकि इससे पहले कांग्रेस और पीडीपी, नेशनल कांफ्रेंस की मदद से गठबंधन बनाकर सरकार बनाने की कोशिश शुरू की थी। उन्होंने अपने साथ बहुमत होने का दावा भी किया लेकिन कुछ ही देर बाद पीडीपी में बगावत की खबर सामने आई और उसके बागी नेता इमरान अंसारी ने भी सरकार बनाने का दावा कर दिया। ऐसे में राज्यपाल ने अपने विशेषधिकार का इस्तेमाल करते हुए संविधान की धारा 53 के तहत विधानसभा को भंग कर दिया।
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यहां बता दें कि राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा कि उनके पास पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती का भी फोन आया था कि उनके विधायकों को डराया धमकाया जा रहा है। विधायकों की खरीद फरोख्त की भी खबरें सामने आई। राज्यपाल ने कहा कि राज्य में सुरक्षाबल शांतिपूर्ण चुनाव कराने के लिए जीजान से जुटी हुई है ऐसे में राज्य की जनता की भलाई के मद्देनजर ही उन्होंने विधानसभा को भंग करने का फैसला लिया है। राज्यपाल ने कहा कि उन्होंने किसी भी पार्टी की नहीं सुनी और न ही किसी के साथ पक्षपात नहीं किया है।