श्रीनगर । आतंकियों के लिए जम्मू कश्मीर सरकार की पुनर्वास योजना के तहत अपने पतियों संग जम्मू-कश्मीर के विभिन्न हिस्सों में आईं घाटी की कई महिलाओं ने भारयीत पीएम नरेंद्र मोदी और उनके पाकिस्तानी समकक्ष इमरान खान से मदद की गुहार लगाई है। इन महिलाओं का कहना है कि पुनर्वास योजना के तहत वह कई साल पहले पाकिस्तान से अपने पतियों के साथ भारत आईं थी , जिसके बाद से वह अपने परिजनों से नहीं मिल पाई हैं। उन्होंने मोदी-इमरान से अपनी घर वापसी के लिए यात्रा दस्तावेज मुहैया कराने की मांग की।
क्या थी सरकार की योजना
असल में वर्ष 2001 में जम्मू कश्मीर की उमर अब्दुल्ला सरकार ने घाटी के उन युवाओं के लिए पुर्नवास की योजना शुरू की थी, जो हथियार उठाने के लिए सीमा पार चले गए थे। सरकार द्वारा ऐसे युवाओं के पुर्नवास योजना की घोषणा करने के बाद काफी युवा पाकिस्तान से अपने परिवारों के साथ घाटी में आए थे। ये वे युवा था जिन्होंने आतंकवाद का रास्ता छोड़ दिया था और अब सामान्य जीवन जीने के लिए वापस अपने परिजनों के साथ घाटी में रहना चाहते थे।
रेजीडेंसी रोड पर जुटीं महिलाएं
इस सब के चलते अब अपने पतियों के साथ जम्मू कश्मीर लौंटी महिलाओं ने अपने पाकिस्तान में मौजूद परिजनों से मुलाकात करने की इच्छा जताई है। ऐसी महिलाएं घाटी के विभिन्न हिस्सों से आकर रेजीडेंसी रोड पर जुटीं और इन सभी ने पीएम नरेंद्र मोदी और उनके पाकिस्तानी समकक्ष इमरान खान से मदद की गुहार लगाई।
सरकार पर वादा खिलाफी का आरोप
इतना ही नहीं इन महिलाओं ने सरकार पर वादा खिलाफी का आरोप लगाते हुए कहा कि उस दौरान आने वाले सभी लोगों को स्थायी निवासी का प्रमाण पत्र देने का वादा किया गया था लेकिन अभी तक उन्हें यह प्रमाण पत्र नहीं मिले हैं। इन महिलाओं का कहना है कि वह जम्मू कश्मीर की पुर्नवास योजना के तहत अपने पतियों और बच्चों के साथ आईं थी। अब उन लोगों को सरकार ने पीआरसी दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराए हैं। उल्टा हमारे ऊपर प्राथमिकी और दर्ज करवाई गई है।
हमें परिजनों से मिलवाया जाए
इन महिलाओं ने पीएम नरेंद्र मोदी और इमरान खान से मांग की है कि जब से वह अपने पतियों और बच्चों के साथ घाटी में आईं हैं तब से वह पाकिस्तान में अपने परिजनो से नहीं मिल पाई हैं। इन महिलाओं ने अब मांग की है कि उन्हें उनके परिजनों से मिलवाया जाए । इसके लिए भारत और पाकिस्तान के प्रधानमंत्रियों समेत विदेश मंत्री मानवीय आधार पर दस्तावेज जारी कर उन्हें पाकिस्तान में परिवार से मिलने के लिए दस्तावेज जारी करें।