अहमदाबाद । इस बार के गुजरात विधानसभा चुनाव में भाजपा को भले ही कांग्रेस से उतरी चुनौती न मिल रही हो, लेकिन पार्टी राज्य में अस्तित्व में आई युवा त्रिमूर्ति को लेकर जरूरत चिंतित है। इस सब के बीच एक बार फिर भाजपा को इस संकट से उबारने के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने राज्य में अपने 12 विभागों को भाजपा के लिए एक लहर बनाने की मुहिम में लगा दिया है। इन विभागों को एक बार फिर से भाजपा के लिए हिंदुओं को एकजुट करने के काम में लगा दिया गया है। संघ ने यह मुहिम इसलिए भी शुरू की है, क्योंकि पिछले दिनों जिग्नेश मेवानी, अल्पेश ठाकोर, हार्दिक पटेल जैसे युवा नेताओं के आने से गुजरात का हिंदू समाज “विभाजनकारी राजनीति” का शिकार हो रहा है।
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अल्पेश-जिग्नेश-हार्दिक का प्रभाव करेंगे कम
संघ के इन विभागों को जिम्मेदारी दी गई है कि ये समाज में उभरे नए युवा नेताओं के समाज पर पड़ रहे जातिगत प्रभावों को कम कर हिन्दुओं को एकजुट करने का काम करें। जल्द ही इन विभागों की एक बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा भी होनी है। बता दें कि इन दिनों पाटीदार समाज के एक गुट का प्रतिनिधित्व हार्दिक पटेल करते दिख रहे हैं, तो अल्पेश ठाकोर अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) और जिग्नेश मेवानी दलित समुदाय की राजनीति का झंड़ा लिए विधानसभा चुनावों में भाजपा के सामने खड़े हो गए हैं।
भाजपा के खिलाफ अभियान चला रही त्रिमूर्ति
असल में अपनी मांगों को लेकर भाजपा के विरोध में खड़ी गुजरात के युवाओं की एक त्रिमूर्ति अपनी सभाओं में भाजपा के खिलाफ वोटिंग करने की अपील अपने समाज के लोगों से कर रही है। हार्दिक पटेल, जिग्नेश और अल्पेश तीनों ही कांग्रेस के पक्ष में बातें करते आ रहे हैं, जिसका खामियाजा भाजपा को आगामी दिनों में हो सकता है।
गुजरात में समुदायों में वैमनस्य ठीक नहीं
इस पूरे मामले में संघ के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि हिंदू समाज की एकजुटता के लिए जरूरी है कि हम किसी जाति-समुदाय में न बंटे। विभिन्न समुदायों के बीच बढ़ता वैमनस्य राष्ट्रीय सुरक्षा और सामाजिक समरसता के लिए अच्छा संकेत नहीं है। अब जब कांग्रेस वोट की राजनीति के लिए समाज को बांटने की रणनीति अपना रही है तो हमारा भी कर्तव्य बनता है कि हम हिन्दुओं को एकजुट रखने के लिए मुहिम छेड़ें।