नई दिल्ली । अमेरिका के ट्रंप प्रशासन ने एक बार फिर H-1B वीजा से जुड़ा एक अहम बिल पेश किया है। इस बिल में विदेशी सरजमीं पर जन्में उन लोगों को फायदा होगा जिन्होंने अमेरिका से साइंस, तकनीक, इंजीनियरिंग या गणित में पीएचडी की है। अमेरिका के हाउस ऑफ रिप्रजनटेटिव्स ने ऐसे लोगों को रोजगार आधारित ग्रीन कार्ड देने के नियमों में बदलावों की पेशकश की है। जानकारी के अनुसार, इन लोगों को प्रतिवर्ष दिए जाने वाले H-1B वीजा की निर्धारित संख्या से अलग रखा जाएगा। अगर ये बिल पास होता है तो इसका सबसे ज्यादा फायदा भारतीयों को ही होगा।
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बता दें कि इस बिल को कांग्रेसी एरिक पॉलसन और माइकी ने पेश किया है। इस मामले में पॉलसन का कहना है कि अमेरिका में भारी संख्या में तकनीकी नौकरियों के पद खाली पड़े हैं। अब एपीएपीएलई नाम के इस बिल से ये सुनिश्चित हो सकता है कि अमेरिकी कंपनियों को कई तकनीकी कामों में दक्ष लोग मिल सकेंगे। इससे न केवल प्रोफेशनल लोगों को रोजगार मिल सकेगा बल्कि अमेरिका की इकॉनमी के विकास में भी मदद मिलेगी।
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वहीं माइकी का कहना है कि अगर अमेरिका चाहता है कि उसके यहां लगातार नई खोज का क्रम जारी रहे, अमेरिका आर्थिक रूप से मजबूत रहे और विश्वपटल पर अमेरिका का नाम चमकता रहे तो हमें पूरी दुनिया के सबसे बेहतरीन लोगों को यहा रहकर पढ़ने और उन्हें यहीं काम करने के लिए प्रोत्साहित करना होगा।