नई दिल्ली। गुजरात के मेहसाणा में साल 2015 में हुए पाटीदार आंदोलन के दौरान हुई हिंसा में विसनगर कोर्ट ने बुधवार को अपना फैसला सुना दिया। कोर्ट ने अपने फैसले में पाटीदार नेता हार्दिक पटेल समेत 3 लोगों को दोषी करार दिया है जबकि 14 लोगों को बरी कर दिया है। कोर्ट ने हार्दिक पटेल और लालजी पटेल को 2 साल की सजा सुनाई है। इसके साथ ही हार्दिक पटेल पर 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। बता दें कि इसम मामले में कुल 17 लोगों को आरोपी बनाया गया था। बताया जा रहा है पाटीदार आंदोलन के दौरान भाजपा नेता के दफ्तर पर हमला कर दिया गया था और तोड़फोड़ के साथ आगजनी की घटना को भी अंजाम दिया गया था।
गौरतलब है कि मेहसाणा जिले में साल 2015 में जबर्दस्त पाटीदार आंदोलन हुआ था। इस आंदोलन के दौरान पहले भाजपा नेता ऋषिकेश के कार्यालय पर हमला कर तोड़ फोड़ की गई और इसके बाद पूरे इलाके में भारी हिंसा और आगजनी की घटना हुई थी। बता दें कि हार्दिक पटेल पाटीदारों के लिए आरक्षण की मांग कर रहे थे। इस दौरान उनकी गिरफ्तारी भी हुई थी। इसके बाद उनके समर्थक भड़क गए और कई इमारतों में आग लगा दी थी।
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यहां बता दें कि आंदोलन के दौरान सुरक्षा व्यवस्था को खतरा देखते हुए मेहसाणा, राजकोट और सूरत में इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई थी और कई इलाकों मंे कफ्र्यू भी लगा दिया गया था। बता दें कि इस मामले को लेकर गुजरात के मेहसाणा में हार्दिक पटेल की गिरफ्तारी भी हुई थी। जिसके बाद पाटीदार अनामत आंदोलन समिति (पीएएएस) ने बंद का ऐलान किया है। लोगों को काबू में करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज और आंसू गैस का सहारा लेना पड़ा था।