नई दिल्ली। दिल्ली में एक बार फिर से पानी की समस्या पैदा हो सकती है। हरियाणा सरकार ने दिल्ली सरकार को चेतावनी देते हुए कहा है कि वह अतिरिक्त पानी दे रहा है। यदि उसने 30 जून तक जल विवाद मामले पर केस वापस नहीं लिया तो उसे दिया जा रहा अतिरिक्त पानी देना बंद कर देगा। मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर ने दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को उनके पत्र के जवाब में आईना दिखाया है। मनोहर लाल ने कहा कि वजीराबाद जलकुंड को निर्धारित स्तर तक बनाए रखना दिल्ली जल बोर्ड की जिम्मेदारी है।
गौरतलब है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में पानी की कमी की वजह के लिए हरियाणा को जिम्मेदार ठहराया था। इसके जवाब में मनोहर लाल खट्टर ने दिल्ली के सीएम को अपनी व्यवस्था सुधारने की चेतावनी दी है। हरियाणा के सीएम ने दिल्ली में पानी की कमी के लिए दिल्ली सरकार की नीतियों को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने अरविंद केजरीवाल को ईमानदारी से आत्ममंथन कर समस्या की जड़ तक जाने की सलाह दी है।
ये भी पढ़ें - पीएम मोदी ने जारी किया अपना फिटनेस चैलेंज का वीडियो, एचडी कुमारस्वामी को किया नाॅमिनेट
यहां बता दें कि हरियाणा के मुख्यमंत्री ने अपने पत्र में कहा कि दिल्ली को हरियाणा सरकार के खिलाफ अदालतों में चल रहे केसों को वापस लेने के बदले ही निर्धारित मात्रा से ज्यादा पानी दिया जा रहा है। अब हरियाणा सरकार ने सख्त लहजे में कहा है कि अगर 30 जून तक दिल्ली ने इस मामले में ठोस पहल नहीं की तो अधिक पानी की आपूर्ति बंद कर दी जाएगी।
गौर करने वाल बात है कि अरविंद केजरीवाल ने 16 मई को मुख्यमंत्री मनोहर लाल को पत्र लिखकर दिल्ली में जलसंकट के लिए हरियाणा को जिम्मेदार ठहराया था। केजरीवाल ने हाल ही में फिर अपने आरोपों को दोहराया है। इसके जवाब में लिखे पत्र में हरियाणा के सीएम ने कहा कि लगभग 60 एमजीडी (मीट्रिक गैलन प्रतिदिन) पानी की कथित कमी 900 एमजीडी से अधिक की कुल शोधन क्षमता का मात्र 6.7 फीसद है। इस मुद्दे को दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) अपनी कार्यशैली में सुधार कर आसानी से हल कर सकता है। मनोहर लाल ने कहा कि वजीराबाद जलकुंड को निर्धारित स्तर तक बनाए रखना दिल्ली जल बोर्ड की जिम्मेदारी है। हमने केवल गर्मी के चालू मौसम में डीडी-8 के जरिए 120 क्यूसिक पानी की आपूर्ति करने के जल संसाधन मंत्रालय के आग्रह को स्वीकार किया था। अगले साल दिल्ली को खुद पानी का इंतजाम करना होगा।