नई दिल्ली । दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार को भारतीय चुनाव आयोग (ईसी) और जनता दल (यूनाइटेड) का नेतृत्व कर रहे बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को एक नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने यह नोटिस शरद यादव गुट वाली जदयू के नव नियुक्त अध्यक्ष के राजशेखरन द्वारा तीर के चिह्न पर उनके दावे को खारिज करने वाले निर्वाचन आयोग के आदेश को चुनौती देते वाली याचिका पर सुनवाई करते जारी किया है। कोर्ट अब इस मामले में 18 फरवरी को सुनवाई करेगी।
बता दें कि जनता दल (यूनाइटेड) के शरद यादव गुट के नव नियुक्त अध्यक्ष के राजशेखरन ने तीर के चिह्न पर उनके दावे को खारिज करने वाले निर्वाचन आयोग के आदेश को चुनौती देते हुए दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर की। राजशेखरन का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ वकील के मौजूद न होने के कारण न्यायमूर्ति इंदरमीत कौर ने सुनवाई गुरुवार तक के लिए स्थगित कर दी थी। गुरुवार को इस मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने भारतीय चुनाव आयोग और जदयू का नेतृत्व करने वाले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को नोटिस जारी किया है।
आयोग ने नीतीश गुट की जदयू को असली बताया
बता दें कि शरद यादव ने निर्वाचन आयोग के 25 नवंबर के आदेश को चुनौती दी है, जिसमें आयोग ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गुट को ही असली जदयू करार दिया। इसके साथ ही उसे तीर का चिह्न आवंटित कर दिया गया है। नीतीश द्वारा जुलाई में भाजपा से हाथ मिलाने के बाद शरद यादव नीतीश कुमार से अलग हो गए थे। इसके बाद से ही दोनों के बीच पार्टी पर अधिकार को लेकर ल़़डाई चल रही है।
निर्वाचन आयोग के फैसले के खिलाफ कोर्ट गए
बता दें कि शरद यादव गुट इससे पहले निर्वाचन आयोग के 17 नवंबर के आदेश के खिलाफ हाई कोर्ट पहुंचा था। इसमें आयोग ने नीतीश कुमार के गुट वाले जद (यू) के पक्ष में फैसला दिया था लेकिन उसने इस फैसले के पीछे के कारण नहीं बताए थे। राजशेखरन ने हाई कोर्ट से चुनाव आयोग के 25 नवंबर के फैसले को रद्द करने की मांग की है। तीश कुमार गुट ने कोर्ट को बताया कि उनकी पार्टी के सदस्यों ने पहले ही तीर चिह्न के साथ आवेदन किया है, जिसे चुनाव आयोग ने अनुमति दी है।