नई दिल्ली । देश के तीन पहाड़ी राज्यों में पिछले दिनों भारी बारिश के चलते भूस्खलन की खबरों ने लोगों को डरा दिया था। अब नवंबर का महीना है और एक बार फिर से इन पहाड़ी राज्यों के लोग दहशत में हैं। इस डर का कारण है इन राज्यों में हो रही ऐतिहासिक बर्फबारी । जानकारों का कहना है कि जिस तरह नवंबर माह में रिकॉर्ड तोड़ बर्फबारी हुई है, उसके चलते अब इन राज्यों में हिमस्खलन की घटनाएं होने की आशंका जताई जा रही है। मामलों के जानकारों का कहना है कि भारी बारिश के बाद अब तक पहाड़ों के दरकने का क्रम बदस्तूर जारी है, ऐसे में इन पहाड़ों पर भारी बर्फबारी होने के बाद आशंका जताई जा रही है कि कच्चे हो चुके पहाड़ दरकते हुए लोगों के लिए आफत का सबब बन सकते हैं। हालांकि मौसम विभाग के अफसर इस बर्फबारी को वेस्र्टन डिस्टेबेंस का कारण मान रहे हैं।
तीनों राज्यों में ताजा बर्फबारी
बता दें कि पिछले कुछ दिनों ने उत्तराखंड , हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर के पहाड़ी इलाकों में भारी बर्फबारी हो रही है। आलम ये है कि किसी राज्य में नवंबर माह में बर्फबारी का 31 साल पुराना रिकॉर्ड टूटा है तो किसी राज्य में 21 साल बाद नवंबर के महीने मे इतनी बर्फबारी देखी है। शनिवार को इन राज्यों में हुई ताजा बर्फबारी ने लोगों की मुसीबत और बढ़ा दी है।
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शिमला में बारिश -बर्फबारी के बाद ठिठुरन
वहीं हिमाचल प्रदेश में भारी बर्फबारी और बारिश के बाद पहाड़ी इलाकों में चारों और बर्फ की सफेद चादर नजर आ रही है। प्रदेश के तीन शहरों केलांग , मनाली और कल्पा में पारा शून्य से नीचे अभी से ही चला गया है। हालांकि मौसम विभाग ने संभावना जताई है कि अब 22 नवंबर तक मौसम साफ रहेगा।
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18 नवंबर को फिर बर्फवारी होगी
इसी क्रम में उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में भी मौसम की इस बदली करवट का असर देखने को मिला है। उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग , चमोली के कुछ इलाकों में बर्फ की सफेद चादरें देखी जा सकती है। इसके साथ ही कुछ मैदानी इलाकों में हुई बारिश के चलते ठिठुरन बढ़ गई है। बद्रीनाथ , केदारनाथ , गंगोत्री , यमुनोत्री में भाऱी बर्फबारी होने से मैदानी इलाकों में आफत बढ़ गई है। मौसम विभाग ने अंदे्शा जताया है कि 18 नवंबर को भी प्रदेश के मैदानी इलाकों में जहां बारिश होने की संभावना है वहीं पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी होगी।
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दरकते पहाड़ों पर बर्फ की मोटी चादर
इस सब के बीच अब मौसम विभाग और आपता प्रबंधन से जुड़े अधिकारी इस बात की आशंका जता रहे हैं कि इन पहाड़ी राज्यों में बारिश के बाद दरकते पहाड़ों का भूस्खलन इस बर्फबारी के बाद और बढ़ सकता है। बारिश के चलते कुछ पहाड़ कमजोर हो गए हैं, जो इस बर्फ का बोझ नहीं सह सकते। ऐसे में आने वाले दिनों में ऐसी घटनाएँ देखने में आ सकतीा हैं। हालांकि ऐसी किसी स्थिति से निपटने के लिए राज्यों के आपता प्रबंधन विभाग ने तैयारियां कर ली हैं।
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पश्चिमी विक्षोभ के चलते आई आफत
मौसम विभाग के अधिकारियों का कहना है कि नवंबर की शुरुआत में ही इस कदर बर्फबारी होना पश्चिम विक्षोभ का कारण है। इसके चलते आने वाले दिनों में भारी बर्फबारी होने की आशंका है।