सिंगापुर।
दुनिया के दो सबसे बड़े दुश्मन देश अमेरिका और उत्तर कोरिया के बीच मंगलवार को ऐतिहासिक शांति वार्ता होगी। सिंगापुर में होने वाली इस वार्ता के लिए उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप सिंगापुर पहुंच चुके है। दोनो नेता 12 जून को सिंगापुर के सेंटोसा टापू के फाइव स्टार होटल कपेला में मुलाकात करेंगे। दोनों नेताओं की मुुलाकात के चलते कड़े सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं। केवल सुरक्षा के लिए 50 करोड़ रुपये से ज्यादा का खर्च किए जा रहे हैं।
उत्तर कोरिया के वरिष्ठ अधिकारी किम योंग चोल ने अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो से मुलाकात की और सम्मेलन पर सहमति बनाने में बड़ा रोल निभाया।यह पहला मौका है जब किसी अमेरिकी राष्ट्रपति और उत्तर कोरियाई नेता के बीच मुलाकात होगी। उत्तर कोरिया द्वारा परमाणु हथियारों के परीक्षण और पिछले दिनों परीक्षण स्थलों को नष्ट करने के बीच पूरी दुनिया की निगाहें इस सम्मेलन पर टिकी हुई हैं। कहा जा रहा है कि इस मुलाकात से ही तयह होगा कि दुनिया शांति की राह में आगे बढ़ेगी या परमाणु युद्ध की आग में झुलसेगी। मना जा रहा है कि बातचीत के एजेंडे में प्योंगयांग के परमाणु निरस्त्रीकरण का मुद्दा जोर-शोर से उठने की संभावना है।
100 करोड़ रुपये खर्च करेगा सिंगापुर
सिंगापुर के प्रधानमंत्री ली शियेन लूंग ने बताया कि उनका देश इस मुलाकात के लिए 20 मिलियन सिंगापुर डॉलर यानी 100 करोड़ रुपये खर्च करने जा रहा है। लूंग ने कहा कि एक अंतरराष्ट्रीय कदम में यह हमारा योगदान है। इस मुद्दे से हमारे हित भी जुड़े हुए हैं। उन्होंने कहा कि वह सम्मेलन पर दो करोड़ सिंगापुर डॉलर खर्च करने के इच्छुक हैं। इसमें सुरक्षा संबंधी खर्च इस रकम का आधा होगा। उन्होंने कहा कि इस सम्मेलन से सिंगापुर को फायदा होगा। इससे हमें प्रचार मिला है। सच्चाई यह है कि इस बैठक के लिए हमारे देश को चुना गया। हमने इसकी मांग नहीं की थी, लेकिन हम इससे सहमत हुए।