चंडीगढ़ । डेरा सच्चा सौदा में गुरमीत राम रहीम सिंह के बाद नंबर -2 की हैसियत रखने वाली हनीप्रीत ने डेरा मुख्यालय और उसके बाहर क्या गुल खिलाए, इसकी ढेरों जानकारियां तो हरियाणा पुलिस के पास हैं, लेकिन सबूत कुछ नहीं। शुक्रवार को एक बार फिर हनीप्रीत की दूसरी बारी की रिमांड भी खत्म हो गई। हरियाणा पुलिस को आज हनीप्रीत को फिर से कोर्ट में पेश करना होगा, लेकिन इस बार फिर से वह उसकी रिमांड की मांग करेगी और कोर्ट इस पर सहमत होगी, इसपर संशय है। पिछली दो बारी में पुलिस उसे राजस्थान, पंजाब, हरियाणा के विभिन्न कोनों में अपने साथ लेकर गई लेकिन कहीं से कोई सबूत जुटाने में नाकाम साबित हुई है।
पुलिस का अपनी जांच में दावा है कि हनीप्रीत ने ही पंचकुला में राम रहीम की गिरफ्तारी होने पर वहां हिंसा करने और राम रहीम को छुड़वाने की साजिश रची है। इसका ब्लू प्रिंट उसने अपने लैपटॉप में बनाया था, लेकिन पुलिस उसे लैपटॉप को बरामद करने में असफल साबित हुई है। वहीं अपनी 38 दिन की फरारी के दौरान हनीप्रीत को किन लोगों ने मदद की, वह कहां-कहां रही और उस दौरान उसने कितने सबूतों को ठिकाने लगाया, इसकी भी जानकारी ही पुलिस के पास है, कोई ठोस सबूत नहीं।
पुलिस तो हनीप्रीत के उस मोबाइल को भी नहीं खोज पाई है, जिसका इस्तेमाल उसने अपनी फरारी के दौरान 17 सिम कार्ड को बदल-बदल कर इस्तेमाल करने में किया। इस सब के बीच हरियाणा पुलिस की कहानी भी कुछ-कुछ आरुषि हत्याकांड जैसी होती जा रही है, जिसमें पुलिस के बाद कहानियां तो बहुत हैं, लेकिन सबूतों के नाम पर कुछ भी ठोस नहीं।
बहरहाल, शुक्रवार दोपहर हरियाणा पुलिस एक बार फिर हनीप्रीत को पंचकुला कोर्ट में पेश करेगी, जहां पुलिस अब अपनी आगे की क्या रणनीति अपनाएगी, इसका तो खुलासा होगा ही साथ ही हनीप्रीत औ डेरा के भविष्य पर भी अहम फैसला आएगा।
बता दें कि हनीप्रीत पर डेरा के अंदर राम रहीम के साथ कई कारगुजारियों और गोरखधंधे में शामिल होने के साथ ही पंचकुला हिंसा के मास्टर माइंड होने के आरोप हैं। उसे गिरफ्तार करने में नाकाम रहने पर हरियाणा पुलिस ने उसके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस भी जारी किया। देश से लेकर विदेश तक उसकी तलाश में छापेमारी की, लेकिन बाद में हनीप्रीत भारत में ही और पंजाब-हरियाणा में ही अपना 38 दिन की फरारी काटती पाई गई। हनीप्रीत के वकीलों का दावा है कि उसने सरेंडर किया , जबकि पुलिस का दावा है कि उसे गिरफ्तार किया गया।
इस सब के बीच पुलिस ने उससे पंचकुला हिंसा और राम रहीम के साथ गोरखधंधे में लिप्त होने के आरोपों की पड़ताल के लिए कोर्ट से रिमांड पर मांगा, लेकिन रिमांड पर लेने के बावजूद उससे जुड़ी कई जानकारियां तो जुटाई, पर सबूत के नाम पर पुलिस के हाथ कुछ हाथ नहीं लगा। हनीप्रीत के मोबाइल और उसके एक लैपटॉप में पंचकुला हिंसा और राम रहीम के गोरखधंधों का काला सच छिपे होने और उसकी बरामदगी के लिए एक बार फिर हरियाणा पुलिस ने हनीप्रीत की रिमांड मांगी लेकिन कोर्ट द्वारा तीन दिन की रिमांड दिए जाने के बाद एक बार फिर हरियाणा पुलिस के पास कोई ठोस सबूत हाथ नहीं लगा है। यहां तक ही वह हनीप्रीत से भी कुछ पुष्ट जानकारी नहीं उगलवा पाई है। ऐसे में इस केस पर पुलिस की पकड़ हल्की पड़ती जा रही है।