नई दिल्ली । देश ने रविवार को अपना एक सच्चा सपूत खो दिया । गोवा के मुख्यमंत्री और मोदी सरकार में 3 साल तक बतौर रक्षामंत्री का कार्यभार संभालने वाले मनोहर पार्रिकर अकेले ऐसे राजनेता थे जो आईआईटी बंबई से इंजीनियरिंग में स्नातक होने के बाद किसी राज्य का मुख्यमंत्री बना हो। हालांकि आईआईटी से इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाले पर्रिकर बचपन से ही संघ से जुड़ गए थे और 26 साल की उम्र में मापुसा में संघचालक बन गए थे। पर्रिकर ने चुनावी राजनीति में 1994 में प्रवेश किया, जब उन्होंने पणजी विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से भाजपा के टिकट पर चुनाव जीता।
नहीं रहे पूर्व रक्षामंत्री और गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पार्रिकर , देश में शोक की लहर
गोवा के.एक मध्यमवर्गीय परिवार में 13 दिसंबर 1955 को जन्मे मनोहर पर्रिकर 17 मार्च 2019 को अपनी अंतिम यात्रा पर चल दिए। बचपन में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के संपर्क में आने के बाद उन्हें अनुशासन और देशभक्ति का जज्बा पैदा हुआ। पर्रिकर ने बहुत छोटी उम्र से आरएसएस से रिश्ता जोड़ लिया था. वह स्कूल के अंतिम दिनों में आरएसएस के ‘मुख्य शिक्षक’ बन गए थे। आईआईटी बंबई से इंजीनियरिंग में स्नातक करने के दौरान भी वह संघ की विचारधारा से जुड़े रहे और 26 साल की आयु में मापुसा में संघचालक बन गए ।
मनोहर पार्रिकर - एक राजनेता जो पांव में हवाई चप्पल और हाफ शर्ट पहनकर पहुंच जाता था समारोह में
ऐसा कहा जाता है कि गोवा के सबसे पुराने क्षेत्रीय राजनीतिक दल ‘महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी’ की बढ़त रोकने के लिए भाजपा ने पर्रिकर की राजनीति में एंट्री की। जून से नवंबर 1999 तक वह गोवा विधानसभा में विपक्ष के नेता रहे। उस दौरान उन्होंने तत्कालीन कांग्रेस नीत सरकार के खिलाफ सदन में जो भाषण दिए उसके बाद वह सुर्खियों में आए।
इसके बाद वह वह पहली बार 24 अक्टूबर 2000 में गोवा के मुख्यमंत्री बने । उस दौरान कार्यकाल छोटा रहा लेकिन 5जून, 2002 को उन्हें फिर से सीएम चुना गया । वह अपने पूरे राजनीति कार्यकाल में 4 बार मुख्यमंत्री बने और केंद्र की मोदी सरकार में बतौर 3 साल रक्षामंत्री का पद संभाला।