Wednesday, April 24, 2024

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अटलजी के जीवनकाल में पूर्णांक 7 अंक का अजब संयोग, 7 पूर्णांक वाली तारीखों-वर्ष में जन्म, पीएम पद, विदेश मंत्री और अंत में मौत भी....

दीपक गौड़
अटलजी के जीवनकाल में पूर्णांक 7 अंक का अजब संयोग, 7 पूर्णांक वाली तारीखों-वर्ष में जन्म, पीएम पद, विदेश मंत्री और अंत में मौत भी....

नई दिल्ली । कालजयी राजनीतिज्ञ , प्रखर कवि, साहित्यकार, लेखक, नाटककार और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी अब हमारे बीच नहीं रहे। उन्होंने अपनी जीवनकाल में खुद को बतौर एक पत्रकार और कवि बताया लेकिन पूरे जीवनकाल में भारतीय राजनीति का एक बड़ा केंद्र बिंदु बने रहने के बावजूद राजनीति को कभी अपनी पहली पसंद नहीं माना। अगर उनके जीवन काल पर नजर डालें तो एक तथ्य काफी रोचक अंदाज में उभर कर सामने आता है। वह तथ्य कुछ और नहीं बल्कि उनके जीवनकाल में 7 अंक का योग है। उनका जन्म 7 अंक के पूर्णांक वाली तारीख (25 दिसंबर) को हुआ । इसके बाद उनके राजनीतिक जीवनकाल में कई ऐसी तारीखें और वर्ष आए, जब 7 अंक का योग उनके साथ जुड़ा नजर आया। 7 अंक के पूर्णांक के साथ रार नहीं ठानने की धुन लेकर जन्म लेने वाले अटल बिहारी वाजपेयी जी के साथ संयोग यह रहा कि उन्होंने 7 पूर्णांक वाली तारीख (16 अगस्त 2018) को ही अपने इस जीवनकाल की अंतिम सांस ली। 

25 दिसंबर 1924 को जन्म

पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म  25 दिसंबर 1924 को मध्य प्रदेश के ग्वालियर में हुआ। हालांकि बाद में वाजपेयी की पढ़ाई-लिखाई उत्तर प्रदेश के कानपुर में हुई। छात्र जीवन से ही वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ गए थे। 

1942 में लंबे समय के लिए जेल गए 

कानपुर से पोस्टग्रैजुएशन करने के बाद उन्होंने एलएलबी में दाखिला लिया लेकिन फिर पढ़ाई बीच में ही छोड़कर वह आजादी के आंदोलन में सक्रिय हो गए। अगस्त 1942 (वर्ष का पूर्णांक 7 ) में उन्हें भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान 23 दिन के लिए गिरफ्तार किया गया।

1957 में जनसंघ से लड़े चुनाव

वर्ष 50 के दशक का सातवां (1957) साल ही था जब जनसंघ ने उन्हें तीन लोकसभा सीटों लखनऊ, मथुरा और बलरामपुर से चुनाव लड़ाया। इनमें से बलरामपुर (जिला गोण्डा, उत्तर प्रदेश) से चुनाव जीतकर वह पहली बार लोकसभा पहुंचे।

77 में बने विदेश मंत्री

केंद्र में मोरारजी देसाई के नेतृत्व में पहली बार गैर-कांग्रेसी सरकार बनी। वह वर्ष 1977 का था। वाजपेयी उस सरकार में विदेश मंत्री बनाए गए। इस दौरान उन्होंने संयुक्त राष्ट्र अधिवेशन में हिंदी में भाषण दिया, ऐसा करने वाले वह देश के पहले नेता बने। एक बार फिर अटलजी के जीवन में 7 पूर्णांक वाले वर्ष की अहमियत नजर आई।


16 मई को बने पहली बार PM

जनसंघ की स्थापना के बाद से वाजपेयी का राजनीति सफर काफी उतार-चढ़ाव वाला रहा, लेकिन वह हमेशा से लोगों के प्रिय बने रहे। उनके राजनीति के शिखर पर पहुंचने वाला दिन भी 7 पूर्णांक वाली तारीख को आया। अटल जी ने पहली बार 16 मई (7 पूर्णांक वाली तारीख) वर्ष 1996 (7 पूर्णांक वाला वर्ष) को  प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली थी। 

2005 में सक्रिय राजनीति से सन्यास

अगर 7 पूर्णांक वाले वर्षों और तारीखों से वाजपेयी को जोड़ा जाए तो अपनी राजनीतिक जीवन के अंतिम वर्षों में वह वर्ष 2005 था, जब उन्होंने सक्रिय राजनीति से सन्यास का ऐलान किया था। 

16 अगस्त को ली अंतिम सांस

अपने लंबे राजनीतिक जीवन में कई लोगों के प्रेरणास्त्रोत रहे अटल जी ने अपनी इस अटल यात्रा का समापन भी 7 पूर्णांक वाली तारीख यानी 16 अगस्त को किया।  

7 प्रतिभाओं के धनी थे अटलजी - डॉ, पुष्कर नैथानी

अटलजी के जीवन काल पर डॉ पुष्कर नैथानी का कहना है कि उनके जीवन काल में न केवल 7 अंक का अहम योगदान रहा, बल्कि बहुआयामी प्रतिभा के स्वामी अटल जी की 7 योग्यताएं ( पत्रकार , राजनीति के छात्र कवि लेखक , प्रखर वक्ता , राष्ट्र नायक ,भारती जनता पार्टी के संथापक सदस्य, भारत के 10वें प्रधानमंत्री ) भी खास थीं। 7 अंक को यूं भी खास कहा जाता हैं। 7द्वीप , 7 वार , 7 सरगम , 7 समुद्र , 7 वचन....को संस्कृत वाङ्गमय में सांसारिक सम्पूर्णता का द्योतक कहा गया है। भारतीय दर्शन में अंक 7 का विशेष महत्व माना गया है। यह अंक आध्यात्मिक एवं रहस्यमय शक्तिसंपन्न है। 7 का महत्व इससे स्पष्ट हो जाता है कि हमारे यहां सात लोक, सात पाताल, सात पुरियां, सात समुद्र, सात स्वर, सप्त धातु, सात वार, सप्तऋषि, सूर्य के रथ के सात घोड़े, सात फेरे एवं रामायण में सात सोपान हैं। 

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