नई दिल्ली । पेट्रोल-डीजल की बढ़ी कीमतों की मार झेल रहे 7 राज्यों के लोगों के सामने नई समस्या खड़ी हो गई है। मध्यप्रदेश, हरियाणा समेत देश के 7 राज्यों में शुक्रवार सुबह से किसानों ने अपनी मांगों को लेकर हड़ताल शुरू कर दी है। इसके चलते जहां इन राज्यों में आने वाले दिनों में लोगों को सब्जियों की कमी का सामना करना पड़ेगा, वहीं दूध की कमी से भी जूझना पड़ेगा। सल में मध्य प्रदेश समेत कई राज्यों के किसानों ने सब्जियां और दूध को शहर न लेने का का ऐलान किया है। हालांकि रसोई पर मोदी सरकार ने एक और हमला करते हुए एलपीजी सिलेंडरों के दामों में भारी इजाफा कर रसोई का बजट भी बिगाड़ दिया है। इस सब के चलते आने वाले दिनों में लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। हालांकि पंजाब में कुछ किसानों ने इस आंदोलन से पीछे हटते हुए चंडीगढ़ के कुछ इलाको में दूध की आपूर्ति की।
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किसानों ने शुरू किया 10 दिनों का आंदोलन
दरअसल, किसान यूनियनों ने अपनी मांगों को लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ 10 दिनों का आंदोलन शुक्रवार से आरंभ किया है। इसके साथ ही मध्यप्रदेश के मदंसौर के किसानो ने सब्जियों और दूध को शहर न ले जाने क ऐलान किया है। ऐसे में पहले से ही महंगाई से बेहाल जनता को और परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। गौरतलब है कि मंदसौर में पूरे शहर में पुलिस की तैनाती कर दी गई है ताकि आंदोलन के दौरान शांति व्यवस्था कायम रहे।
सड़कों पर बहाया दूध
वहीं पंजाब के बर्नाला और संगरूर समेत कई इलाको में किसानों ने विरोध प्रर्दशन किया। इस दौरान किसानों ने सड़कों पर सब्जियां फेंकने के साथ ही दूध भी सड़कों पर बहा दिया। इतना ही नहीं किसानों ने ऐलान किया है कि वे अगले 10 दिनों तक शहरो में दूध और सब्जियों की सप्लाई नहीं करेंगे। हालांकि पंजाब में कुछ स्थानों पर किसानों ने कुछ जगह दूध और सब्जियों की सप्लाई की।
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गांव वालों को बांट दिया दूध
इसी क्रम में मध्यप्रदेश के मंदसौर में किसानों ने बचे हुए दूध को गांव वालों में मिठाई बनाने के लिए बांट दिया। इसके साथ ही यहां किसानो ने विरोध प्रर्दशन करते हुए मंदिर में शिवलिंग का दूध से अभिषेक किया। किसानों ने ऐलान किया कि वे दूध की सप्लाई डेयरी में नहीं करेंगे। हांलाकि विरोध प्रर्दशन शांति से किया जा रहा है।
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आखिर क्यों कर रहे हैं प्रदर्शन
असल में किसान स्वामीनाथन कमीशन की सिफारिशों को लागू करने और कर्ज को माफ करवाने समेत अपनी अन्य मंगों को लेकर शुक्रवार से हड़ताल पर चले गए हैं। बता दें कि पिछले साल मध्यप्रदेश के मंदसौर में किसान आंदोलन की इस चिंगारी को हवा लगी थी। उस दौरान पुलिस और किसानों के बीच काफी गतिरोध हुआ था। हिंसक हुए किसानों पर अंकुश लगाने के लिए पुलिस ने गोलियां चलाई थीं, जिसमें कुछ किसानों की मौत भी हो गई थी। उस दौरान इस घटनाक्रम को लेकर एमपी की शिवराज सिंह चौहान सरकार का काफी नाराजगी का सामना करना पड़ा था।