भारत और वियतनाम के बीच तेजी से मिलिटरी संबंध बढ़ रहे हैं। खबर है कि भारत की तरफ से वियतनाम को जमीन से हवा में मार करने वाली स्वदेशी 'आकाश' मिसाइल बेचने की तैयारी की जा रही है। दोनों देशों के बीच इस संबंध में बातचीत जारी है। गौरतलब है कि जापान और वियतनाम के साथ भारत की 'रणनीतिक और सैन्य' साझेदारी एशिया-पैसिफिक क्षेत्र में चीन की आक्रामकता को काउंटर करने के नजरिए से देखी जा रही है।
चीन को घेरने की कवायद
चीन एनएसजी में एंट्री, जैश-ए-मोहम्मद के चीफ मसूद अजहर पर बैन लगाने जैसे मामलों में लगातार भारत का विरोध कर रहा है। इसके अलावा चीन ने हिंद महासागर क्षेत्र में अपनी नौसेना की गतिविधियां भी बढ़ाई हैं। इसकी प्रतिक्रिया में भारत चीन के पड़ोसी मुल्कों के साथ तेजी से संबंध बना रहा है।
रणनीतिक साझेदार है वियतनाम
भारत और वियतनाम के बीच आकाश मिसाइल बेचने के लिए बातचीत चल रही है। इससे पहले भारत ने वियतनाम को ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल और स्वदेशी पनडुब्बी रोधी टारपीडो वरुणास्त्र भी देने की पेशकश कर चुका है। भारत इस साल वियतनामी फाइटर पायलटों को सुखोई-30MKI फाइटर जेट्स पर ट्रेनिंग भी कराने वाला है। रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने भी वियतनाम को 'करीबी दोस्त' बताया है। इसके तहत वियतनाम के सैन्य संसाधन को अपग्रेड करने के अलावा उनके सैनिकों की ट्रेनिंग भी कराने में मदद की जा रही है।