नई दिल्ली । कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पिछले दिनों विदेश दौरे पर थे। इसी क्रम में ब्रिटेन में इंडियन ओवरसीज कांग्रेस (आईओसी) के राहुल गांधी के एक कार्यक्रम में चंदा जुटाने के लिए चुने गए एक तौर-तरीके से जहां पार्टी सवालों के घेरे में आ गई है। वहीं कांग्रेस ने काफी नाराज जताई है। मीडिया में प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक , ब्रिटेन में राहुल गांधी के साथ वहां के कई दिग्गज उद्योगपतियों , हाई प्रोफाइल लोगों और पत्रकारों के खाने की टेबल पर बैठने के लिए इन लोगों से आईओसी ने 900 पौंड , यानि 82 हजार रुपये वसूले। हालांकि विदेशों में इस तरह से पार्टी के लिए चंदा जुटाने का चलन है, लेकिन कांग्रेस अध्यक्ष की मौजूदगी में उन्हीं को फोकस करते हुए कार्यक्रम में लोगों से मोटी रकम वसूलने को लेकर जहां कांग्रेस , इंडियन ओवरसीज कांग्रेस से नाराज बताई जा रही है, वहीं यह मुद्दा उठने के बाद अब कांग्रेस विरोधियों के हाथ एक नया मुद्दा लग गया है।
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असल में अंग्रेजी अखबार DNA में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, राहुल गांधी के साथ खाने की टेबल साझा करने वालों से इस तरह मोटी रकम चार्ज करने के आयोजन से कांग्रेस इंडियन ओवरसीज कांग्रेस (आईओसी) से खफा है। विदेशों में इस तरीकों से चंदा एकत्र करने के तौर-तरीके के बावजूद पार्टी के भीतर इस कारण नाराजगी के सुर भी उभरे हैं क्योंकि इस तरह से फंड एकत्रीकरण उस कार्यक्रम में किया गया, जिसमें खुद पार्टी अध्यक्ष मुख्य वक्ता थे।
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दरअसल कांग्रेस अध्यक्ष के ब्रिटेन और जर्मनी के चार दिवसीय प्रवास के दौरान आईओसी की तरफ से इस तरह की कई चूक होने की बातें सामने आई हैं। आईओसी अध्यक्ष कमल धालीवाल की निगरानी में ही इसका आयोजन होना था और इसके आयोजक बेरोनेस वर्मा थे। वर्मा को केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली का करीबी माना जाता है। 24 अगस्त के इस प्रस्तावित कार्यक्रम के लिए निमंत्रण भी भेजे जा चुके थे । हालांकि ऐन मौके पर इसको उस वक्त रद्द किया गया जब भारतीय मूल की लेबर पार्टी की सांसद कीथ वाज ओर वीरेंद्र शर्मा ने इसकी जगह हाउस ऑफ कामंस में एक कार्यक्रम के आयोजन का प्रबंध किया।
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