नई दिल्ली। नए साल में इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन (इसरो) ने शुक्रवार को एक नया इतिहास दिया। इसरो ने श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से पीएसएलवी श्रृंखला के साथ अपना 100वां सैटेलाइट कार्टोसैट-2 अंतरिक्ष में छोड़ दिया। बता दें कि इस सैटेलाइट को ‘आई इन द स्काई’ के नाम से भी जाना जा रहा है। ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि ये अतंरिक्ष से तस्वीरें लेने के लिए ही बनाया गया है। इस सैटेलाइट की सबसे खास बात यह है कि ये पाकिस्तान स्थित आतंकी ठिकानों पर पैनी नजर बनाए रखेगा।
डिजिटल इंडिया को रफ्तार
गौरतलब है कि इसरो के इस 100वे सैटेलाइट का प्रक्षेपण इस वजह से भी खास है क्योंकि इससे पहले पीएसएलवी-39 मिशन फेल हो गया था और भारतीय वैज्ञानिकों ने एक बार फिर इसकी मरम्मत कर इसे फिर से लॉन्च किया है। इसरो का 100वां सैटेलाइट कार्टोसैट-2 श्रृंखला का मौसम उपग्रह और 30 अन्य उपग्रह को शुक्रवार सुबह 9 बजकर 28 मिनट पर श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लाॅन्च किया गया।
ये भी पढ़ें - सुप्रीम कोर्ट ने 84 दंगों की जांच के लिए गठित की नई SIT, जस्टिस ढींगरा को बनाया प्रमुख
28 विदेशी उपग्रह भी शामिल
यहां बता दें कि इसरो का यह सैटेलाइट कार्टोसैट-2 में भारत का एक नैनो सैटेलाइट, एक माइक्रो सैटेलाइट और 28 विदेशी उपग्रह शामिल हैं। विदेशी उपग्रहों में कनाडा, फिनलैंड, कोरिया, फ्रांस, ब्रिटेन और अमेरिका के 25 नैनो और तीन माइक्रो सैटेलाइट शामिल हैं। कार्टोसैट-2 के लाॅन्च का मकसद अंतरिक्ष से उच्च गुणवत्ता वाली तस्वीरों को प्राप्त करना है जिसका उपयोग नक्शा बनाने में किया जाएगा। इस सैटेलाइट में मल्टी स्पेक्ट्रल कैमरे लगे हुए हैं जिससे तटवर्ती इलाकों, शहरी-ग्रामीण क्षेत्र, सड़कों और जल वितरण आदि की निगरानी की जा सकेगी।