नई दिल्ली । गुजरात कांग्रेस के विधायकों को बेंगलुरु में अपने रिसार्ट्स पर रखने वाली कर्नाटक के मंत्री डीके शिवकुमार पर आयकर विभाग ने बुधवार शिकंजा कसा है। आईटी विभाग ने बुधवार को उनके 39 ठिकानों समेत उनके घर पर भी छापे मारे। इसके बाद आयकर विभाग ने दावा किया है कि उनके ठिकानों से 5 करोड़ रुपये बरामद किए गए हैं। इस खबर के बाद कांग्रेस ने संसद के दोनों सदनों में इस मुद्दे को उठाते हुए हंगामा किया, जिसके बाद सरकार ने संसद में छापेमारी को लेकर सफाई दी है। सरकार ने साफ किया कि छापेमारी की कार्रवाई से बेंगलुरु के रिसार्ट्स में ठहरे कांग्रेसी विधायकों का कोई लेना देना नहीं है। न ही विभाग ने उस रिसार्ट्स पर छापा मारा है।
बता दें कि पिछले दिनों गुजरात कांग्रेस के कुछ विधायक भाजपा में शामिल हो गए। इसके बाद आगामी राज्यसभा के मद्देनजर कांग्रेस ने अपने सारे विधायकों को बेंगलुरु के एक रिसॉर्ट्स में ठहराया है। इस रिसॉर्ट्स के मालिक कांग्रेसी नेता डीके शिवकुमार है, जिनके ठिकानों पर बुधवार सुबह आईटी विभाग ने छापेमारी की। उनके करीब 35 ठिकानों पर छापेमारी की बात सामने आई। इस छापेमारी के बाद सामने आया कि उनके ठिकानों से विभाग को 5 करोड़ रुपये बरामद हुए हैं।
इस खबर के बाहर आते ही कांग्रेस ने संसद में इस मुद्दे को जोरशोर से उठाते हुए सरकार पर दमन की राजनीति करने का आरोप लगाया। गुलाम नबी आजाद ने इस पूरे प्रकरण पर सरकार को लेकर सवाल उठाए। वहीं कांग्रेसी नेता आनंद कुमार ने इन छापेमारी की घटना के समय को लेकर सवाल उठाए। कांग्रेस ने आरोप लगाए कि आगामी राज्यसभा चुनावों के मद्देनजर सरकार अपनी ताकत का दुरुपयोग करते हुए उनके विधायकों को खरीदने और तोड़ने का प्रयास कर रही है।
हालांकि संसद में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने विपक्ष के सवालों का जवाब दिया और इस पूरे मामले को कांग्रेस से जोड़ने पर आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि यह आईटी विभाग की एक साधारण कार्रवाई है। उन्होंने उन खबरों को भी खारिज किया, जिसमें कहा गया था कि आयकर विभाग ने बेंगलुरु स्थित उस रिसॉर्ट्स पर भी छापेमारी की है, जहां कांग्रेस के 44 विधायक ठहरे हुए हैं।