नई दिल्ली । जम्मू कश्मीर विधानसभा को राज्यपाल सत्यपाल मलिक द्वारा भंग किए जाने के बाद अब ये मुद्दा राजनीति के चरम पर पहुंचता जा रहा है। जहां भाजपा नेताओं ने पीडीपी -NC और कांग्रेस के विधायकों के गठबंधन सरकार की ओर कदम बढ़ाने पर कटाक्ष मारते हुए इसे पाकिस्तान प्रायोजित एक साजिश करार दिया, वहीं राज्यपाल ने साफ कर दिया है कि उन्होंने जममू कश्मीर की जनता के पक्ष में यह फैसला लिया है। बहरहाल, इस पूरे मामले पर केंद्र की मोदी सरकार काफी करीब से नजर रखे हुए है। इस सब के बीच गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। इसके बाद अब पार्टी से जुड़े सूत्रों के हवाले से खबर आ रही है कि सरकार जम्मू कश्मीर को लेकर एक नई रणनीति बना रही है।
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लोकसभा के साथ विधानसभा चुनाव
पार्टी सूत्रों का कहना है कि सरकार ने लोकसभा चुनावों के साथ ही जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव करवाने का मन बना लिया है। अब जब राज्यपाल ने गठबंधन सरकार के सभी कयासों को खारिज करते हुए विधानसभा भंग कर दी है। ऐसे में अब सभी दलों को चुनावों की तैयारी में जुटना होगा।
निकाय चुनावों पर होगा ध्यान
राज्यपाल द्वारा विधानसभा भंग किए जाने के बाद अब भाजपा सूत्रों का कहना है कि यूं तो यह फैसला मंगलवार को ही ले लिया गया था लेकिन इसकी पूरी प्रक्रिया करने के बाद बुधवार को इसका ऐलान किया गया है। बहरहाल, अब जब विधानसभा भंग हो चुकी है तो भाजपा शेष बचे निकाय चुनावों पर पार्टी ध्यान देगी। राज्यपाल ने पहले सुरक्षा कारणों और निकाय चुनावों के चलते विधानसभा भंग नहीं की थी।
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खरीद-फरोख्त रोकने के लिए विधानसभा भंग
बता दें कि राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा है कि खुद महबूबा मुफ्ती ने पिछले दिनों उन्हें फोन करके कहा था कि कुछ लोग एनआईए की जांच के नाम पर उनके विधायकों को धमका रहे हैं। वहीं खबर ये भी आई की पैसे के बल पर विधायकों को इधर-उधर करने की साजिश रची जा रही है। ऐसे हालात में मैंने प्रदेश की जनता के हित में फैसला लेते हुए विधानसभा भंग कर दी है।