नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट के जजों की पत्रकार वार्ता को लेकर जहां सरकार में हड़कंप मचा हुआ है, वहीं इस मुद्दे पर विपक्ष भी लामबंदी करता नजर आ रहा है। सुप्रीम कोर्ट के चार जजों द्वारा चीफ जस्टिस को लेकर कही गई बातों के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपना यहां पार्टी की एक बैठक बुलाई है, जिसमें पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ पार्टी से जुड़े देश के कुछ वरिष्ठ वकीलों को भी बुलाया गया है। वहीं इस सब से इतर, डी. राजा सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस चेमलेश्वर के घर उनसे मिलने पहुंचे हैं। संभावना जताई जा रही है कि अपनी इस बैठक के बाद ही कांग्रेस की ओर से इस मुद्दे पर कोई प्रतिक्रिया सामने आएगी। हालांकि कांग्रेस की इस बैठक से पहले ही पूर्व कानून मंत्री और वरिष्ठ वकील सलमान खुर्शीद ने जजों की इस पत्रकार वार्ता पर दुख जता चुके हैं। उन्होंने कहा कि देश की सर्वोच्च अदालत का ये हाल हो गया है कि वहां के जजों को मीडिया में आकर अपनी बात कहनी पड़ रही है।
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बता दें कि देश में पहली बार न्यायपालिका में शुक्रवार को ऐतिहासिक घटनाक्रम देखने को मिला। सुप्रीम कोर्ट के मौजूदा 4 जजों ने पहली बार मीडिया को संबोधित किया। सुप्रीम कोर्ट के नंबर-2 और सबसे सीनियर जज जस्टिस चेलमेश्वर ने पत्रकार वार्ता में कहा कि कभी-कभी होता है कि देश के सुप्रीम कोर्ट की व्यवस्था भी बदलती है। इस समय सुप्रीम कोर्ट का प्रशासन ठीक तरीके से काम नहीं कर रहा है, अगर ऐसा चलता रहा तो लोकतांत्रिक परिस्थिति ठीक नहीं रहेगी. उन्होंने कहा कि हमने इस मुद्दे पर चीफ जस्टिस से बात की, लेकिन उन्होंने हमारी बात नहीं सुनी।
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इस फैसले के बाद जहां सीजेआई ने एटॉर्नी जनरल के साथ बैठक की, वहीं प्रधानमंत्री ने कानून मंत्री के साथ बैठक की। हालाकि सूत्रों का कहना है कि सरकार ने इस मुद्दे में दखलअंदाजी करने से मना कर दिया है। सरकार का कहना है कि यह न्यायपालिका का मामला है और राजनीति का इससे कोई सरोकार नहीं। हालांकि वरिष्ठ वकील और भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि जजों ने बेहद गंभीर मुद्दा उठाया है। मुद्दे को उठाने वाले चारों जज बेहद ईमानदार हैं और उनकी मंशा पर सवाल नहीं उठाया जा सकता। इस दौरान उन्होंने पीएम मोदी से इस मामले में दखल देने की मांग की।
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इससे इतर इस मुद्दे पर मंथन के लिए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपने आवास पर पार्टी की एक बैठक बुलाई है, जिसमें पार्टी के वरिष्ठ नेताओं समेत पार्टी से जुड़े कई वरिष्ठ अधिवक्ताओं को भी बुलाया गया है।
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वहीं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सुप्रीम कोर्ट को लेकर हुई जजों की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर दुख जताया है। उन्होंने कहा कि कोर्ट के मामलों को लेकर सुप्रीम कोर्ट के चार जजों से मिली जानकारी ने देश के एक नागरिक के रूप में हमें निराश किया है। उन्होंने कहा कि न्यायपालिका और मीडिया लोकतंत्र के खंभे हैं। लोकतंत्र के लिए न्यायपालिका में केंद्र सरकार की दखलअंदाजी खतरनाक है।
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