नई दिल्ली। न्यायपालिका के इतिहास में शुक्रवार का दिन ऐतिहासिक रहा। सुप्रीम कोर्ट के चार जजों ने पहली बार पत्रकारों से बातचीत की है। यह मीटिंग जस्टिस चेलामेश्वर के घर पर हुई। इस मीटिंग में जस्टिस चेलामेश्वर, जस्टिस के जोसेफ, जस्टिस रंजन गोगोई और जस्टिस मदन लोकुर शामिल थे। पत्रकारों से बात करते हुए जस्टिस चेलामेश्वर ने कहा कि कोर्ट प्रशासन की कार्रवाई सही तरीके से नहीं चल रही है ऐसे में हमने मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर बताया लेकिन बात नहीं सुनी गई। इसके बाद हमारे पास कोई रास्ता नहीं बचा है सिवाय मीडिया के सामने अपनी बात रखने के। इस मामले के सामने आने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कानून मंत्री को बुलाया है।
आपको बता दें जस्टिस चेलामेश्वर ने कहा कि हमने मुख्य न्यायाधीश से कोर्ट में चल रही अनियमितता के बारे में बात की थी। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के मौजूदा जजों को लेकर भी सवाल उठाते हुए कहा कि उन्हें किस तरह से केस दिए गए। उनका कहना है कि हम नहीं चाहते हैं कि हमारे किसी भी निर्णय पर 20 सालों के बाद सवाल उठाया जाए कि हमने अपनी आत्मा को बेच दिया और देश के संविधान का कोई ध्यान नहीं रखा। जस्टिस चेलामेश्वर ने कहा कि मुख्य न्यायाधीश के बारे में देश को फैसला करना चाहिए। बता दें कि जस्टिस चेलामेश्वर सुप्रीम कोर्ट के दूसरे सबसे वरिष्ठ जज हैं।