भोपाल। मध्यप्रदेश में कांग्रेस के सीएम कमलनाथ शपथ ग्रहण के बाद ही एक्शन में आ गए हैं। किसानों की कर्जमाफी, कन्यादान योजना की रकम बढ़ाने के साथ ही अब उन्होंने शिवराज सिंह के राज में हुए बहुचर्चित ‘व्यापमं घोटाले’ की जांच के आदेश दे दिए हैं। देर शाम गड़बड़ी का आरोप लगाने वाले छात्रों से मिलने के बाद सीएम ने यह निर्णय लिया है। सरकार ने उन केंद्रों की सीसीटीवी फुटेज मंगाई है जिन्हें संदिग्ध माना गया है। सरकार वीडियो फुटेज को देखकर यह पता लगाएगी कि गड़बड़ी किस स्तर पर हुई और परीक्षा में शामिल उम्मीदवार कौन थे?
गौरतलब है कि शिवराज सिंह के शासनकाल के दौरान प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड (व्यापम) की ग्रुप- 4 की भर्ती परीक्षा में भारी गड़बड़ी हुई थी। अब मौजूदा सरकार ने इसकी जांच कराने का निर्णय लिया है। बता दें कि प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड (पीईबी) पर आरोप लगा था कि अपात्र उम्मीदवारों को भी क्वालिफाई बता दिया गया था। छात्रों ने इसका जमकर विरोध किया था लेकिन तब इसकी कोई जांच नहीं हुई।
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यहां बता दें कि सरकार ने उन सभी केंद्रों के सीसीटीवी फुटेज मंगाई है जिन्हें संदिग्ध माना गया था। अब सरकार उन फुटेज के आधार पर दोषी लोगों की पहचान करेगी। आपको बता दें कि इस परीक्षा में गड़बड़ी करने का आरोप पीईबी पर लगा था। छात्रों के प्रदर्शन के बाद ही सरकार ने पीईबी की ग्रुप-4 भर्ती परीक्षा की जांच कराने का फैसला लिया है। पीईबी डायरेक्टर चंद्रमोहन ठाकुर ने कहा कि ग्रुप-4 भर्ती परीक्षा में गड़बड़ियों के आरोप लगे हैं और इसकी जांच कराई जा रही है। गौर करने वाली बात है कि गलत तरीके से चुने गए उम्मीदवारों को फायदा पहुंचाने के लिए बिना किसी को कारण बताए दोबारा परीक्षा कराई गई थी। पीईबी ने यह परीक्षा जुलाई 2018 में कराई थी। इसके साथ ही 5 बार नियम बदले थे।