नई दिल्ली । आखिरकार भाजपा ने कर्नाटक में भी अपना मुख्यमंत्री तो बना दिया है लेकिन राज्यपाल द्वारा बहुमत साबित करने के लिए दिए गए 15 दिन पार्टी के लिए भारी पड़ सकते हैं। भाजपा को अगले कुछ दिनों में अपने104 विधायकों से अलग 8 अन्य विधायकों का समर्थन चाहिए होगा, जिसका भाजपा ने दावा तो किया है, लेकिन भाजपा के नेता जिन्हें अपने समर्थन में और अपने संपर्क में होने का दावा कर रहे हैं, वो नेता गुरुवार दोपहर कांग्रेस और जेडीएस के विधायकों के साथ राजभवन के बाहर प्रदर्शन करते नजर आए। अब भले ही निर्दलीय विधायकों के साथ कांग्रेस-जेडीएस के बागी विधायकों के भाजपा के संपर्क में होने की बातें कही जा रही हों, लेकिन भाजपा के ही कुछ नेताओं ने दबी जुबान में कहा कि बहुमत साबित करना सही में एक टेढ़ी खीर साबित होगा, क्योंकि इस समय निर्दलीय विधायक तक राजभवन के सामने प्रदर्शन कर रहे हैं।
कांग्रेस विधायक रिजॉर्स में 'कैद'
कुछ समय पहले राज्यसभा चुनावों के दौरान भी रिजॉर्ट पॉलिटिक्स देखने में आई थी, जब कांग्रेस ने अपने विधायकों को एक रिजॉर्ट में 'कैद' कर दिया था। एक बार फिर से विधानसभा चुनावों के बाद कांग्रेस ने अपने सभी विधायकों को रिजॉर्ट में पहुंचने के निर्देश दिए तो कई को एक बस में भरकर ले जाने की कवायद की। हालांकि इस सब के बीच कांग्रेस के दो विधायक लापता बनाए गए हैं, जिनके भाजपा के संपर्क में होने की बात कही जा रही है। इनमें से एक विधायक रिजॉर्ट पहुंचे ही नहीं थे तो एक बुधवार रात तक रिजॉर्ट में होने के बाद गुरुवार सुबह वहां से लापता हो गए हैं।
जेडीएस ने विधायकों को होटल में ठहराया
इसी क्रम में जेडीएस विधायकों को बेंगलुरु के शांगरी-ला होटल में सुरक्षित ठहराया गया है. ये सारी कवायद इसलिए है ताकि बहुमत परीक्षण से पहले नेता भाजपा के संपर्क में न आ सकें। ऐसा होने से न तो कोई समर्थन दे पाएगा और न ही भाजपा के साथ किसी तरह की कोई डील कर पाएगा।
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सभी कांग्रेसी एकजुट, आनंद सिंह को छोड़कर
बता दें कि इस दौरान, राजभवन के बाहर कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। इस बीच कांग्रेसी सांसद डीके सुरेश यह कहा कि पार्टी के सभी विधायक एकजुट हैं। हालांकि कांग्रेसी विधायक आनंद सिंह के लापता होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि हैं आनंद सिंह हमारे संपर्क में नहीं है। वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करीबी बताए जाते हैं।
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भाजपा का दावा- सब हो जाएगा
अब भले ही कांग्रेस और जेडीएस गठबंधन अपने पास पूरे नंबर होने का दावा कर रहा हो, लेकिन 104 विधायकों वाली भाजपा का कहना है कि वह बहुमत का आंकड़ा पा लेगी। सदन में वह बहुमत पास कर लेगी। भाजपा नेताओं का कहना है कि वह अकेली सबसे बड़ी पार्टी होने के साथ-साथ बहुमत साबित करने में भी सक्षम है।
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क्या ये होगा गणित
असल में भाजपा के पास इस समय 104 विधायक है और उसे सदन में बहुमत साबित करने के लिए 8 अन्य विधायकों का समर्थन चाहिए। ऐसे में भाजपा नेताओं एक निर्दलीय विधायक और केपीजेपी के एक विधायक के समर्थन लेने की कोशिश की है। इनका समर्थन मिलने पर भी भाजपा के पास विधायकों की संख्या 106 हो जाएगी। भाजपा की नजर इस समय बसपा के भी एक विधायक पर भी है। अगर वे भी साथ आते हैं तो संख्या हो जाएगी 107 , लेकिन अभी भी उसे 5 विधायकों की जरूरत होगी। ऐसे में भाजपा की नजर कांग्रेस के ऐसे 7 विधायकों पर है जो कि जेडीएस को समर्थन देने से नाराज बताए जा रहे हैं। इनमें से एक आनंद सिंह बताए जा रहे हैं, जो फिलहाल लापता हैं, लेकिन भाजपा के संपर्क में बताए जा रहे हैं। भाजपा सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस के नाराज विधायक लिंगायत समुदाय से आते हैं, जो कि लिंगायत मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा को समर्थन दे सकते हैं या फिर बहुमत साबित करने के वक्त सदन से गैर हाजिर रहकर भी बीजेपी को फायदा पहुंचा सकते हैं। इसके अलावा भाजपा की नजर उन विधायकों पर भी है, जिनके नाम कांग्रेस-जेडीएस खेमे की तरफ से राज्यपाल को समर्थन देने वाले विधायकों की सूची में लिखा तो गया है लेकिन उन्होंने उस सूची में साइन नहीं किए हैं।
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