श्रीनगरः कश्मीर घाटी में बुरहान वानी के मारे जाने के बाद से लोकल युवाओं में आतंकवाद के प्रति आकर्षण यकायक बढ़ गया है। बड़ी तादाद में यहां के युवा आतंकी संगठनों का दामन थामकर बंदूक उठा रहे हैं। इससे सुरक्षा बलों की चिंता बढ़ गई है। जानकारी के मुताबिक जुलाई 2016 से मार्च 2017 तक करीब 250 कश्मीरी युवा आतंकवादी बन चुके हैं। इन्हें आतंकी बनाने में सबसे आगे लश्कर ए तोइबा और हिज्बुल मुजाहिदीन जैसे खतरनाक संगठन हैं।
साउथ कश्मीर में अधिक खराब स्थिति
यूं तो पूरे ही कश्मीर में माहौल खराब है, लेकिन साउथ कश्मीर में खासतौर पर मामला अधिक खराब दिख रहा है। शोपियां, कुलगाम, पुलवामा और अवांतिपुरा ऐसे जिले हैं, जहां से कश्मीरी लड़कों के गायब होने की खबरें आ रही हैं। आशंका व्यक्त की जा रही है कि ये लड़के आतंकी संगठनों से जुड़ रहे हैं। सबसे अधिक भर्तियां हिज्बुल और लश्कर कर रहे हैं। लोकल लेवल पर पाकिस्तानी आतंकियों को गाइड करने के लिए कश्मीर के युवाओं का इस्तेमाल किया जा रहा है, ताकि विदेशी आतंकियों को सहूलियत रहे।
तेजी से गायब रहे कश्मीरी युवा
दरअसल यह आंकड़ा सामने आया है, घाटी से तेजी से लापता हो रहे युवाओं की वजह से। हालांकि लोकल पुलिस कश्मीरी युवाओं के आतंकी बनने के सवाल पर चुप है और सिर्फ यही कहती है कि लापता युवाओं की खोज जारी है। दूसरी तरफ सुरक्षा एजेसियों के सोर्सेज का साफ कहना है कि कश्मीर में जो चल रहा है, उस पर सख्त कदम उठाने की जरूरत है। हाल ही में पकड़े गए हिजबुल के आंतकी आमीर वागी ने साफ कहा है कि कश्मीर को सुर्खियों में बनाए रखने का आदेश आतंकी संगठनों ने दे ऱखा है। इसी कारण आने वाले समय में कश्मीर में आतंकी घटनाओं में बढ़ोतरी होगी।