नई दिल्ली। कभी भारतीय क्रिकेट टीम का हिस्सा रहे तेज गेंदबाज श्रीसंत अब कभी क्रिकेट नहीं खेल पाएंगे। केरल उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने 2013 आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग मामले में क्रिकेटर एस श्रीसंत पर भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) द्वारा लगाए गए आजीवन प्रतिबंध को बरकरार रखा है। केरल हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश नवनीति प्रसाद सिंह और न्यायमूर्ति राजा विजयरावन की पीठ ने एकल न्यायाधीश की पीठ के खिलाफ बीसीसीआई की याचिका पर यह फैसला सुनाया।
एकलपीठ के फैसले को पलटा
यहां बता दें कि इससे पहले न्यायमूर्ति ए मोहम्मद मुश्ताक की एकल पीठ ने 7 अगस्त को श्रीसंत पर लगे बीसीसीआई के आजीवन प्रतिबंध को हटा दिया था और बोर्ड द्वारा उनके खिलाफ चलाई जा रही सभी तरह कार्यवाही पर भी रोक लगा दी थी। संयुक्त खंडपीठ ने अपने फैसले में एकल पीठ के फैसले को रद्द करते हुए कहा कि खेल के साथ न्याय नहीं हुआ। गौरतलब है कि बीसीसीआई ने सबूतों के आधार पर आजीवन प्रतिबंध लगा दिया था।
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इन पर भी लगे आरोप
स्पाॅट फिक्सिंग के मामले में साल 2015 में पटियाला हाउस कोर्ट ने अंकित चव्हाण और अजित चंदीला समेत 36 आरोपियों को आपराधिक मामले से बरी कर दिया था। आपको बता दें कि श्रीसंत ने 2015 में अपना पहला एकदिवसीय मैच श्रीलंका के खिलाफ खेला था जबकि पहला टेस्ट मैच 2016 में इंग्लैंड के खिलाफ खेला था।