रांची। चारा घोटाले में सजा पा चुके बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल प्रमुख लालू प्रसाद को डोरंडा और दुमका कोषागार से अवैध निकासी के मामले में शुक्रवार को सीबीआई की विशेष अदालत में पेश हुए। यहां उन्हें पहले डोरंडा कोषागार से अवैध निकासी वाले मामले में प्रदीप सिंह की अदालत में पेश किया गया इसके बाद दुमका कोषागार के मामले में सीबीआई के विशेष जज शिवपाल सिंह की अदालत में पेश किया गया। जज ने उन्हें बताया कि आपलोग को ओपन जेल मंे रखने की व्यवस्था की गई है। इस पर लालू प्रसाद ने कहा सर, हम जन नेता हैं रांची जेल में ही लोगों से मिलने की व्यवस्था करा दीजिए। ओपन जेल में रहेंगे तो पूरे झारखंड के फोर्स को तैनात करना पड़ेगा, कहीं भाग गए तो नरसंहार मच जाएगा।
डोरंडा और दुमका कोषागार से अवैध निकासी
गौरतलब है कि देवघर कोषागार से करीब 90 लाख रुपये की अवैध निकासी के मामले में सीबीआई कोर्ट ने लालू प्रसाद को साढ़े तीन साल की सजा सुना चुकी है। इसके बाद अब उन्हें रांची के डोरंडा कोषागार और दुमका कोषागार से अवैध निकासी के मामले में सजा सुनाया जाना है। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव सहित अन्य आरोपी सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश की अदालत में पेश किए गए। वीडियो कांफ्रेंसिंग (वीसी) के माध्यम से डोरंडा और दुमका कोषागार से अवैध निकासी मामले में आरोपियों को बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा से पेश किया गया। आरोपियों को सबसे पहले डोरंडा मामले में सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश प्रदीप कुमार की अदालत में पेश किया गया और उसमें सीबीआइ की ओर से गवाही दर्ज की गई। इसके बाद दुमका कोषागार से अवैध निकासी से संबंधित मामले में आरोपियों की पेशी सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश शिवपाल सिंह की अदालत में हुई।
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लालू और जज का एक दूसरे पर तंज
यहां बता दें कि लालू प्रसाद पर तंज करते हुए जब जज ने कहा कि ‘‘आपलोग को ओपन जेल में रखने के लिए अनुशंसा किया हूं। वहां सभी सुविधा मौजूद है शौचालय से लेकर कमरा एवं टीवी तक है। जज ने कहा कि अक्टूबर में हम वहां गए थे, स्थिति खराब हो रही है। अब आपलोग वहां रहेंगे तो उसकी भी व्यवस्था सुधर जाएगी। फालतू में यहां अपराधियों के साथ रहेंगे। उन्होंने कहा कि एक अधिवक्ता ने पूछा कि कठोर सजा सुनाई गई है कि साधारण। हमने कहा कि कठोर में पैसा मिलता है, साधारण में नहीं। इनको पैसे की क्या जरूरत है। इनको भी रहना चाहिए। परिवार के साथ रहेंगे। खाना परिवार बनाएगी और आपलोग खाएंगे।’’
जज के इस कटाक्ष पर लालू बोले ‘‘ओपन जेल का नियम अलग है। हुजूर, जेल मैनुअल पढ़ लीजिए। 7 साल से कम सजा वालों के लिए नहीं है। वह तो नक्सलियों के लिए बना है या जो आधा सजा काट चुके हैं। हमलोग जन नेता हैं, रांची जेल में मिलने की सुविधा दिला दीजिए। ओपन जेल में रखेंगे तो पूरे झारखंड के फोर्स को लगाना पड़ेगा। कम से कम 20 हजार फोर्स लगाना पड़ेगा। हमलोग भाग जाएंगे तो नरसंहार हो जाएगा। ऐसे में सुरक्षा की पूरी जिम्मेदारी आपकी होगी।