रांची । चारा घोटाला से जुड़े दुमका कोषागार मामले में कोर्ट ने सोमवार को जहां बिहार के पूर्व सीएम जगन्नाथ मिश्र समेत अधीप चंद और ध्रुव भगत को बरी कर दिया गया, जबकि इस घोटाले से जुड़े ऐसे अन्य मामलों में जेल की सजा काट रहे लालू प्रसाद यादव को चौथे मामले में भी दोषी करार दिया गया है। वहीं इस मामले में आनंद कुमार सिंह और अजीत सिंह को दोषी ठहराया गया है। इस मामले में लालू प्रसाद और पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्र समेत 31 लोगों के खिलाफ फैसला आया है।
बता दें कि लालू यादव चारा घोटाला से जुड़े तीन अन्य मामलों में पहले से दोषी करार दिए जाने के बाद सजा काट रहे हैं। वह रांची की बिरसा मुंडा जेल में बंद हैं। चारा घोटाले के दुमका कोषागार मामले में 3 करोड़ 13 लाख रुपये का गबन हुआ था। इससे पहले सीबीआई की विशेष अदालत ने 5 मार्च को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। कोर्ट ने अपना फैसला सुनाए जाने से पहले आदेश दिया था कि फैसला सुनाए जाने के दौरान लालू सशरीर कोर्ट में मौजूद हों, ऐसे में तबीयत खराब होने के चलते रिम्स मे भर्ती लालू को कोर्ट में पेश होना पड़ा। इसके बाद कोर्ट ने उनपर अपना फैसला सुनाया।
वहीं, गत शुक्रवार को अदालत ने बिहार के तत्कालीन महालेखा परीक्षक समेत महालेखाकार कार्यालय के तीन अधिकारियों के खिलाफ इसी मामले में मुकदमा चलाए जाने की लालू प्रसाद की याचिका स्वीकार कर ली थी। इसके बाद तीनों को समन जारी करने का निर्देश दिया गया। लालू ने इन तीनों को भी नोटिस जारी कर इस मामले में अभियुक्त बनाने का अनुरोध किया था। लालू प्रसाद ने अपने वकील के माध्यम से पूछा था कि अगर इतना बड़ा घोटाला बिहार में हुआ तो उस दौरान 1991 से 1995 के बीच बिहार के महालेखाकार कार्यालय के अधिकारी के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई?
बता दें किं चारा घोटाला से जुड़े चाईबासा केस में रांची की विशेष सीबीआई अदालत ने 24 जनवरी को लालू यादव को दोषी पाते हुए 5 साल जेल की सजा सुनाई थी।