नई दिल्ली। आधार की अनिवार्यता को लेकर भी सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने कहा कि इससे गरीबों को ताकत और पहचान मिली है। आधार कार्ड का डुप्लीकेट बनाने का विकल्प नहीं है। बता दें कि आधार को सभी सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए अनिवार्य बनाने की बात कही गई है। इसे निजता का हनन बताते हुए करीब 31 लोगों ने याचिका दायर की थी। कोर्ट ने मोबाइल और बैंक खातों को आधार से जोड़ने को असंवैधानिक बताया है।
गौर करने वाली बात है कि केंद्र सरकार के द्वारा ऐसा कहा गया था कि लोगों को सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए अपने मोबाइल से लेकर खाता और अन्य पाॅलिसियों को आधार से जोड़ना चाहिए। हालांकि इसका विरोध करते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने निजता का हनन बताया था। फिलहाल इस मामले में फैसला सुनाते हुए जस्टिस सीकरी ने कहा कि आधार कार्ड बिल्कुल सुरक्षित है।
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यहां बता दें कि खबरों के अनुसार सुप्रीम कोर्ट ने कुछ शर्तों के साथ आधार की अनिवार्यता को वैध माना है। 5 जजों की बंेच में 3 जज ने बताया कि स्कूलांे में दाखिले के लिए आधार अनिवार्य नहीं होगा। आधार की अनिवार्यता पर बड़ा फैसला सुनाते हुए केंद्र सरकार को लताड़ लगाई है। कोर्ट ने कहा कि इस मामले में सरकार ने पूरी तैयारी नहीं की और जल्दबाजी में इस फैसले को लागू कर दिया था। कोर्ट ने मोबाइल और बैंक खातों को आधार से जोड़ने को असंवैधानिक बताया है। आपको बता दें कि कोर्ट ने यूजीसी और नीट से भी इससे अलग रखने के निर्देश दिए हैं। हालंाकि आयकर दाखिल करने और पैन कार्ड बनवाने के लिए आधार कार्ड का देना अनिवार्य होगा।