नई दिल्ली / पटना । आगामी लोकसभा चुनावों को लेकर बिहार में एनडीए ने सीट बंटवारे का नया गणित आखिरकार बैठा लिया है। खबर है कि इस बार बिहार में केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाह की राष्ट्रीय लोक समता पार्टी को एनडीए से बाहर का रास्ता दिखा गया है। ये हम नहीं कह रहे बल्कि बिहार में लोकसभी की 40 सीटों पर सामने आ रहा नया गणित संकेत दे रहा है। सूत्रों के अनुसार, लोकसभा चुनावों के मद्देनजर अब सीटों के बंटवारे का जो गणित सामने आया है उसके अनुसार अब भाजपा 17 सीटों पर , जदयू 17 सीटों पर और शेष 6 सीटों पर लोक जनशक्ति पार्टी चुनाव लड़ेगी। इसमें उपेंद्र कुशवाह की लोक जन समता पार्टी को कोई टिकट नहीं देने की बात सामने आई है।
नीतीश कुमार आए थे दिल्ली
एक समय बिहार में 25 लोकसभा सीटों की मांग करने वाली जदयू को भाजपा ने झटका देते हुए इतनी सीटें देने से मना कर दिया था। बाद में इस पर काफी मंथन बैठकें हुईं। बाद में नीतीश कुमार को भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से मिलने दिल्ली आना पड़ा । पिछले दिनों दोनों ने बयान जारी कर कहा कि इस बार दोनों पार्टियों लोकसभा चुनाव में समान सीटों पर चुनाव लड़ेंगी।
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6 सीटों पर पासवान की पार्टी को मौका
जदयू के साथ सीटों के बंटवारे को लेकर एक समय विरोधी स्वर में खड़े होने वाली रामविलास पासवान की पार्टी लोक जनशक्ति पार्टी ने अपने लिए ज्यादा सीटों की मांग की थी। बिहार के कई हिस्सों में पार्टी की अच्छी पकड़ को ध्यान में रखते हुए इस बार उनके हिस्से में 6 सीटें आने की बात हैं। हालांकि पहले उन्हें 3 सीटें मिलने की बात कही जा रही थी।
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कुशवाह मांग रहे थे कम से कम 3 सीट
इसी क्रम में जदयू की सीटों की मांग को देखते हुए केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाह को अपनी पार्टी के टिकटों में कटौती का अंदेशा हो चुका था, इसलिए उन्होंने भाजपा पर दबाव बनाना शुरू कर दिया था। पार्टी ने अपने लिए कम से कम तीन सीटों की मांग की थी, लेकिन पहले गणित के अनुसार गठबंधन में उन्हें 1 सीट ही मिलती नजर आ रही थी। अब पिछले दिनों उपेंद्र कुशवाह के राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर लगाए गए आरोपों के बाद उन्होंने अपनी एक सीट भी खो दी है।