नई दिल्ली। विवादित इस्लामिक प्रचारक जाकिर नाईक के मलेशिया से भारत प्रत्यर्पण का मामला अब मलेशिया में चर्चा का विषय बन गया है। डीएपी के एक नेता ने शुक्रवार को कहा कि वे और दो मंत्रियों इस मामले को कैबिनेट की बैठक में उठाया। इससे पहले मलेशिया के प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद ने कहा था कि जाकिर नाईक को उनके देश निर्वासित नहीं किया जाएगा। वहां के मानव संसाधन मंत्री एम कुलसेगरन भी इस मामले को भारतीय नेतृत्व के सामने उठाने की बात कही।
उन्होंने कहा कि मैं जब भी भारत जाऊंगा इस मामले को भारत के प्रधानमंत्री के समक्ष उठाने की कोशिश करूंगा जाकिर नाईक के प्रत्यर्पण का फैसला अदालत को करना चाहिए। उन्होंने कहा सरकार को नियमों का पालन करना चाहिए और भारत को भी इस मामले में अर्जी देनी चाहिए । कुलसेगरन ने कहा कि भारत सरकार को जाकिर नाईक के प्रत्यर्पण के लिए मलेशिया सरकार से अनुरोध करना चाहिए।
गौरतलब है कि विवादित इस्लामिक प्रचारक जाकिर नाईक भारत में कथित आतंकी गतिविधियों में शामिल होने के साथ ही मनी लाॅन्ड्रिंग मामलों में भी आरोपी है । 2016 में भारत छोड़कर मलेशिया भाग गया। बीते सप्ताह प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद ने कहा था कि जाकिर को भारतीय अधिकारियों को नहीं सौंपा जाएगा।