कोलकाता। अपने विधायकों के ‘आॅफिस आॅफ प्राॅफिट’ मामले में फंसी आम आदमी पार्टी को तृणमूल कांग्रेस की नेता और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का साथ मिला है। ममता बनर्जी ने चुनाव आयोग के फैसले को गलत बताते हुए कहा कि संवैधानिक निकाय का इस्तेमाल राजनीतिक प्रतिशोध के लिए नहीं किया जा सकता है। बता दें कि चुनाव आयोग ने आम आदमी पार्टी के 20 विधायकों की सदस्यता आॅफिस आॅफ प्राॅफिट मामले में रद्द करने की सिफारिश राष्ट्रपति से की है। अब राष्ट्रपति उनके भविष्य पर अंतिम मुहर लगाएंगे।
सदस्यता रद्द करने की सिफारिश
गौरतलब है कि साल 2015 में आम आदमी पार्टी ने अपने 20 विधायकों को संसदीय सचिव के तौर पर नियुक्ति दी थी। इसके बाद प्रशांत पटेल नाम के एक वकील ने यह याचिका दायर कर कहा था कि दिल्ली में सिर्फ 1 ही संसदीय सचिव हो सकता है ऐसे में पार्टी ने अपनी शक्तियों का गलत इस्तेमाल किया। इस पर सुनवाई करते हुए चुनाव आयोग ने इन्हें अयोग्य करार दिया और इनकी सदस्यता रद्द करने की सिफारिश राष्ट्रपति से कर दी।
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केजरीवाल को ‘दीदी’ का साथ
यहां बता दें चुनाव आयोग के इस फैसले के बाद इस मामले में राजनीतिक प्रतिक्रियाएं भी आने लगी हैं। तृणमूल कांग्रेस प्रमुख एवं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने खुद को अरविंद केजरीवाल के साथ खड़ा रखते हुए कहा कि संवैधानिक निकाय का इस्तेमाल राजनीतिक प्रतिशोध के लिए नहीं किया जा सकता। एक ट्वीट में सुश्री बनर्जी ने लिखा ‘एक संवैधानिक निकाय को राजनीतिक प्रतिशोध के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है। सम्मानित चुनाव आयोग की ओर से आप के 20 विधायकों का पक्ष सुनने का भी मौका नहीं दिया गया जो कि दुर्भाग्यपूर्ण है। ऐसा किया जाना प्राकृतिक न्यायिक सिद्धांत के खिलाफ है।’