नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी के 20 विधायकों के आॅफिस आॅफ प्राॅफिट मामले में सदस्यता रद्द होने के बाद पार्टी की नाराजगी खुलकर सामने आ रही है। पार्टी के नेता केन्द्र सरकार पर आरोप लगा रहे हैं। अब तो उन्हें भाजपा के वरिष्ठ नेता यशवंत सिन्हा और शत्रुघ्न सिन्हा का भी साथ मिल गया है। इन दोनों नेताओं ने विधायकों की सदस्यता को रद्द करने को गलत बताया है। दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया ने एक ट्वीट करते हुए दिल्ली की जनता को एक खुला पत्र लिखकर कुछ सवालों के जवाब मांगे हैं। आज शाम हाईकोर्ट में इस मामले पर सुनवाई होगी।
उपमुख्यमंत्री का जनता को खुला पत्र
गौरतलब है कि मनीष सिसोदिया ने सोमवार को दिल्ली वालों के नाम एक पत्र ट्वीट किया और कहा कि यह दिल्ली की जनता को मेरा पत्र है। क्या चुने हुए विधायकों को इस तरह गैर-संवैधानिक और गैर-कानूनी तरीके से बर्खास्त करना सही है? क्या दिल्ली को इस तरह चुनावों में धकेलना ठीक है? क्या ये गंदी राजनीति नहीं है?
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केन्द्र पर वार
यहां गौर करने वाली बात है कि उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने अपने इस खत में 20 विधायकों को अयोग्य घोषित करने के फैसले को लेकर केंद्र सरकार को दोषी ठहराया है और कहा है कि श्केंद्र सरकार दिल्ली सरकार को काम नहीं करने दे रही है। भाजपा पर आरोप लगाते हुए सिसौदिया ने कहा कि ‘भाजपा, आम आदमी पार्टी के काम से डर गई है।’ उन्होंने कहा कि भाजपा पर से लोगों का भरोसा कम होता जा रहा है।
राष्ट्रपति की मंजूरी
आपको बता दें कि, रविवार को ऑफिस ऑफ प्रॉफिट मामले में 20 विधायकों को अयोग्य घोषित करने की चुनाव आयोग की सिफारिश को राष्ट्रपति ने मंजूरी दे दी थी। राष्ट्रपति की मुहर के बाद इस निर्णय की अधिसूचना जारी कर दी गई है। केजरीवाल ने इन 20 विधायकों को 2015 में संसदीय सचिव बनाया था।