नई दिल्ली । गोवा के 4 बार के मुख्यमंत्री और मोदी सरकार में रक्षामंत्री का कार्यभार संभालने वाले मनोहर पार्रिकर ने शनिवार को अंतिम सांस ली। पिछले साल फरवरी में अग्नाशय का कैंसर होने का पता चलने के बाद से उनका देश-विदेश में इलाज चल रहा था , बावजूद इसके उन्होंने बतौर मुख्यमंत्री अपना कामकाज नहीं छोड़ा । वह देश के रक्षामंत्री के पद पर भी रहे, लेकिन इन ऊंचे -ऊंचे पदों पर रहने के बावजूद उनकी सादगी और सहजता उनके प्रशंसकों और देश की जनता को ज्यादा आकर्षित करती थी। वह एक ऐसे राजनेता थे जो मुख्यमंत्री होने के बावजूद पैदल ही विधानसभा पहुंच जाते थे। इतना ही नहीं वह कई बड़े बड़े समारोह में हाफ शर्ट पहनकर और बिना किसी तामझाम के शिरकत करने पहुंच जाते थे। इतना ही नहीं वह बिना ज्यादा सिक्योरिटी के स्कूटर और साइकिल पर यात्रा करते दिख जाते थे।
मनोहर पार्रिकर देश के ऐसे राजनेताओं में शुमार थे, जो अपनी सादगी के लिए देश में चर्चा में रहते थे। पर्रिकर पणजी में स्थानीय बाजारों से खरीदारी के लिए स्कूटर का इस्तेमाल करते थे। इतना ही नहीं मनोहर पर्रिकर को साइकिल चलाना भी बेहद पसंद था, वो खाली वक्त में साइकिल चलाया करते थे। इतना ही नहीं वह पुणे में एक शादी के कार्यक्रम में कतार में खड़े नजर आए थे।
उनकी सादगी के बारे में स्वर कोकिला लता मंगेशकर ने कहा कि उनका इस समय देश से जाना देश को एक बहुत बड़ी क्षति है। उन्होंने मनोहर पार्रिकर के साधारण व्यक्तित्व का जिक्र करते हुए कहा कि एक बार उनका गोवा में कार्यक्रम था, वह पांव में चप्पल पहनकर और साधारण हाफ शर्ट पहनकर बिना किसी सुरक्षा के उनके समारोह में शामिल होने पहुंच गए थे। इस दौरान उन्हें यह गुमान तक नहीं था कि वह राज्य के मुख्यमंत्री हैं और पीछे एक सीट पर जाकर बैठ गए थे।
बता दें कि मनोहर पर्रिकर 2000 से 2005, 2012 से 2014 और 2017 से अक्टूबर 2018 तक गोवा के मुख्यमंत्री थे। वह उत्तर प्रदेश से राज्यसभा के सदस्य भी रह चुके थे, लेकिन 2017 में गोवा का सीएम बनने के बाद उन्होंने सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था।
मनोहर पर्रिकर ने साल 1988 में राजनीति में कदम रखा था और भारतीय जनता पार्टी से जुड़े। साल 1994 में वह पहली बार गोवा विधानसभा में विधायक चुने गए थे। इसके बाद पर्रिकर 1994 से 2001 तक गोवा में भाजपा के महासचिव और प्रवक्ता थे।