मुंबई। महाराष्ट्र में सरकारी नौकरियों में आरक्षण देने की मांग पर गुरुवार को मराठा क्रांति मोर्चा ने महाराष्ट्र बंद का आह्वान किया है। बंद के आह्वान को देखते हुए पूरे राज्य में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। पिछले महीने मराठा संगठनों के विरोध प्रदर्शन के दौरान भारी हिंसा और आगजनी की घटनाएं हुई थी। प्रदेश सरकार ने बंद के मद्देनजर संवेदनशील स्थानों पर त्वरित कार्यबल की 6 कंपनियां और केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षाबल तथा राज्य रिजर्व पुलिस बल की एक-एक कंपनी तैनात की है।
गौरतलब है कि कुछ जगहों पर पुलिस की मदद के लिए होमगार्ड के जवान भी तैनात किए जा रहे हैं। प्रदर्शनकारियों के साथ ही पुलिस सोशल मीडिया पर भी कड़ी नजर रख रही है। प्रशासन की ओर से जरूरी सेवाओं को प्रभावित न होने देने का भी पूरा इंतजाम किया गया है।
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यहां बता दें कि मराठा आंदोलन के दौरान नौजवानों द्वारा की जा रही आत्महत्या पर बाॅम्बे हाईकोर्ट ने मराठा समुदायों से धैर्य रखने की अपील की है। कोर्ट ने लोगों से कहा है कि मामला विचाराधीन है और राज्य सरकार से इस मामले में उठाए गए सभी कदमों की रिपोर्ट 10 सितंबर तक पेश करने का निर्देश दिया है।
गौर करने वाली बात है कि हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति आरवी मोरे एवं न्यायमूर्ति अनूजा प्रभुदेसाई की खंडपीठ ने कहा कि मराठा आरक्षण को लेकर शुरू आंदोलन की संवेदनशीलता को देखते हुए राज्य पिछड़ा आयोग जल्द से जल्द मराठा आरक्षण से जुड़ी अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपे। खंडपीठ ने इस बात की उम्मीद जताई कि आयोग 2 महीने के अंदर अपना काम पूरा कर लेगा।