नई दिल्ली । अगर आप अपने नए घर लेने की योजना बना रहे हैं तो बेहतर होगा कि आप कुछ महीने और रुक जाएं। असल में हम यह बात इसलिए कह रहे है क्योंकि अप्रैल 2019 से होम लोन के लिए ब्याज दरें बैंक नहीं बल्कि बाजार तय करेगा। वित्त वर्ष 2019-2020 में सभी बैंकों के लिए अनिवार्य होगा कि वह सभी होम लोन के फ्लोटिंग रेट बाहरी बेंचमार्ग के आधार पर तय करेंगे। इसका सीधा मतलब ये माना जाए कि RBI जब भी ब्याज दरों में कमी करेगी , उसका तत्काल भाग लोगों को मिल सकेगा।
आरबीआई द्वारा ब्याज दरें कम करने की सूरत में बैंकों को तत्काल अपनी ब्याज दरों को एक कॉमन बेंचमार्क के आधार पर तय करना होगा। इतना ही नहीं उन्हें इसका स्प्रेड लोन की पूरी अवधि को एक ही समान रखना होगा। जानकारों का कहना है कि आरबीआई की इस मुहिम से लोन लेकर घर लेने वाले लोगों को लाभ मिलेगा।
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अंग्रेजी अखबार TOI में प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक , आरबीआई ने अप्रैल 2019 से सभी बैंकों के लिए फ्लोरिंग रेट के लोन को बाहरी बेंचमार्क के तहत तय करना अनिवार्य कर दिया है। आरबीआई के डिप्टी गवर्नर एनएस विश्वानाथन के अनुसार , लोन पर ट्रांसपेरेंसी को बढ़ाने की दिशा में कुछ कदम बढ़ाए जा रहे हैं। इसके तहत कर्ज पर ब्याज दलों को अप्रैल 2016 में बेस रेट की जगह पर मार्जिनल कॉस्ट ऑफ लेंडिंग रेट्स से लिंक किया गया था। इसी को अब आगे बढ़ाने की कवायद की जा रही है। इसी के तहत अब बैंकों के लिए इसे अनिवार्य किया जा रहा है।
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TOI की रिपोर्ट के मुताबिक , इस लोन को या तो RBI के पॉलिसी रेटो रेट या फाइनेंशियल बेंचमार्क इंडिया प्राइवेट लिमिटेड की ओर से मुहैया करवाने जाने वाले भारत सरकार से 91 दिनों के ट्रेजरी बिल यील्ड से लिंक करना होगा। इसके अलावा आप इसे FIIL की ओर से पेश किए जाने वाले 182 दिनों के ट्रेजरी बिल यील्ड या किसी अन्य बेंचमार्क मार्केट इंटरेस्ट रेट से लिंक कर सकते हैं।
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