नई दिल्ली । लोकसभा चुनावों के मद्देनजर सभी राजनीतिक पार्टियां इन दिनों अपनी अचूक रणनीति बनाने में जुटी हैं। इस सब के बीच बहुजन समाज पार्टी प्रमुख मायावती ने आम चुनावों से पहले एक बार फिर से मास्टरस्टोक लगाते हुए केंद्र और यूपी में सत्तारूढ़ भाजपा समेत कांग्रेस-सपा को भी करारा झटका लगाने की तैयारी की है। असल में अब तक पिछड़े वर्गों की रणनीति करने वाली मायावती ने अनुसूचित जाति/जनजाति संवोधन विधेयक में संशोधन का स्वागत करने के साथ ही केंद्र के सामने नया पासा फेंक दिया है। उन्होंने एक नया मुद्दा उठाते हुए अब उन्होंने गरीब मुसलमानों के लिए अलग से आरक्षण की मांग कर डाली है। आर्थिक आधार पर अल्पसंख्यकों को आरक्षण दिए जाने की मांग का समर्थन करने के साथ ही उन्होंने मिशन -2019 को लेकर अन्य दलों की रणनीति पर पानी फेरने की योजना बनाई है।
दलितों के भारत बंद के आह्वान को दिया श्रेय
मायावती ने एससी-एसटी विधेयक में संसोधन का स्वागत करते हुए एकाएक आम चुनावों से पहले एक नया सियासी मुद्दा उठा दिया है। लोकसभा में पास हुए संशोधन विधायक का स्वागत करते हुए उन्होंने इसके राज्यसभा में भी पास होने की संभावना जताई। साथ ही इस सब का श्रेय अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं को दिया। उन्होंने कहा कि पिछले दिनों दलितों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा है। लेकिन दलितों ने 2 अप्रैल को जिस भारत बंद का आह्वान किया था ये उसका ही नतीजा है कि केंद्र सरकार को मजबूर होना पड़ा।
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केंद्र पर साधा निशाना
विधेयक में संसोधन का स्वागत करने के साथ ही मायावती ने सत्तारूढ़ भाजपा पर निशाना भी साधा है। उन्होंने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि जब दलित इस मुद्दे को लेकर 2 अप्रैल को सड़कों पर उतरे थे तो केंद्र सरकार के दलित और आदिवासी मंत्री इस मुद्दे पर चुप बैठ गए थे। लेकिन हमारी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने सरकार को मजबूर किया और आज नतीता सबके सामने है।
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