नई दिल्ली । भारत समेत देश के सबसे चर्चित राजनेताओं में शुमार हो रहे भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फैसलों और उनके दंबग रवैये की स्वीकार्यता अब न सिर्फ देश में हो रही है, बल्कि विदेशों में भी इसके चर्चे हैं। चीन मामलों पर अमेरिका के एक शीर्ष विशेषज्ञ ने मोदी की तारीफ करते हुए कहा कि वह दुनिया के अकेले ऐसे राजनेता हैं, जो चीन के ‘बॉर्डर एंड रोड इनिशिएटिव’ (बीआरआई) के खिलाफ आवाज उठाई है। हालांकि खुद अमेरिका ने भी इस महत्वाकांक्षी परियोजना पर चुप्पी साधी हुई है। अमेरिका के प्रतिष्ठित थिंक टैंक हडसन इंस्टीट्यूट में निदेशक माइकल पिल्सबरी ने अमेरिकी सांसदों से कहा कि चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग की महत्वाकांक्षी परियोजना के खिलाफ मोदी और उनकी टीम ही दुनिया में अकेली है, जिसने हमेशा खुलकर अपनी बात रखी है।
हडसन इंस्टीट्यूट में निदेशक माइकल पिल्सबरी ने अमेरिकी सांसदों को संबोधित करते हुए कहा कि विश्व में अकेले भारतीय पीएम नरेंद्र मोदी ही ऐसे ग्लोबल लीडर के रूप में उभरे हैं, जिन्होंने चीन के बीआरआई को लेकर खुलकर अपना विचार रखे हैं। उन्होंने कहा कि भले ही इसका एक कारण बेल्ट और रोड इनिशिएटिव’ से भारतीय संप्रभुता के दावों का उल्लंघन भी हो, लेकिन उनका खुलकर अपनी बात कहना शानदार है। हालांकि यह योजना पांच साल पुरानी है लेकिन खुद अमेरिकी सरकार की ओर से इस मुद्दे पर कुछ नहीं कहा गया है।