भोपाल। उत्तरप्रदेश के बाद अब मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्रियों के ऐशोआराम वाले दिन खत्म होने वाले हैं। मध्यप्रदेश की हाईकोर्ट ने सरकार को 1 महीने के अंदर पूर्व मुख्यमंत्रियों के सरकारी बंगले को खाली कराने के आदेश दिए हैं। बता दें कि हाईकोर्ट के इस आदेश के बाद पूर्व मुख्यमंत्री कैलाश जोशी, दिग्विजय सिंह और उमा भारती को राजधानी से सरकारी आवास छोड़ना पड़ेगा। पूर्व मुख्यमंत्रियों के बंगला खाली करने को लेकर रौनक यादव ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी।
गौरतलब है कि रौनक यादव के वकील की दलील पर मुख्य न्यायाधीश जस्टिस हेमंत गुप्त और जस्टिस एके श्रीवास्तव की डिवीजन पीठ ने पाया कि पिछले साल लागू एमपी मंत्री वेतन तथा भत्ता अधिनियम 1972 की धारा 5 (1) ‘असंवैधानिक’ है। बता दें कि वकील विपिन यादव ने कहा कि इस अधिनियम में संशोधन के कारण ही पूर्व मुख्यमंत्री सरकारी बंगलों में रह रहे हैं। यह संविधान के अनुच्छेद 14 (समानता का अधिकार) का उल्लंघन है। इस बाबत उन्होंने उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्रियों से बंगले खाली कराने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश का भी हवाला दिया।
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बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद उत्तरप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्रियों को अपना सरकारी बंगला खाली करना पड़ा है। हालांकि बंगला खाली करने के दौरान उसमें की गई तोड़-फोड़ के चलते पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव खासे चर्चा में रहे। योगी सरकार की ओर से अखिलेश यादव पर सरकारी बंगले को खाली करने आदेश के बाद अखिलेश यादव वहां से टूंटी तक उखाड़ कर ले गए। आरोपों पर नाराजगी जाहिर करते हुए अखिलेश ने भाजपा पर पलटवार करते हुए कहा कि सरकार उपचुनावों में मिली हार की वजह से अंधी हो गई है।