श्रीनगर। जम्मू कश्मीर में एक बार फिर से नए सिरे से सरकार बनाने की कवायद तेज हो गई है। राज्यपाल सत्यपाल मलिक के कार्यभार संभालने और पूर्व मुख्यमंत्री फारुख अब्दुल्ला की सक्रियता को देखकर इस बात के कयास लगाए जा रहे हैं कि भारतीय जनता पार्टी नेशनल कांफ्रेंस के साथ मिलकर एक बार फिर से प्रदेश में सरकार बना सकती है। बता दें कि इससे पहले भी भाजपा-पीडीपी गठबंधन के टूटने के बाद इस बात के अनुमान लगाए जा रहे थे लेकिन उमर अब्दुल्ला ने उस समय इसे खारिज कर दिया था।
गौरतलब है कि जम्मू कश्मीर में गठबंधन की सरकार गिरने के फौरन बाद ही इस बात के कयास लगाए जा रहे थे कि भाजपा किसी अन्य पार्टी के साथ मिलकर सरकार बना सकती है। तत्कालीन राज्यपाल एनएन वोहरा से मिलने के बाद उमर अब्दुल्ला ने इस बात से साफ इंकार कर दिया था कि वे भाजपा के साथ मिलकर सरकार नहीं बना रहे हैं।
यहां बता दें कि सरकार के गिरने के बाद इस बात का अनुमान भी लगाया जा रहा था पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की पीडीपी के विधायकों को तोड़कर भाजपा अपने दम पर अकेले ही सरकार बना लेगी। अब वहां के राज्यपाल बदल चुके हैं और इसके बाद जिस तरह से पूर्व मुख्यमंत्री डाॅक्टर फारुख अब्दुल्ला की सक्रियता बढ़ी है उससे इस बात का अंदाजा लगाया जा रहा है कि वहां एक बार से सरकार गठित की जा सकती है।
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गौर करने वाली बात है कि भाजपा के जम्मू कश्मीर प्रभारी राम माधव ने कहा है कि उन्हें किसी के साथ भी मिलकर सरकार बनाने से कोई परहेज नहीं है। बता दें कि नेशनल कांफ्रेंस के 15 विधायक हैं जबकि भाजपा के 25 विधायक हैं। दोनों के मिलने के बाद भी सरकार बनाने के लिए 4 और विधायकों की जरूरत पड़ेगी, ऐसे में देखना होगा कि प्रदेश में क्या नई जोड़ी बनती है! पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की श्रद्धांजलि सभा में जिस तरह से फारुख अब्दुल्ला ने भारत माता की जय का नारा बुलंद किया था उससे इस बात के कयास और तेज हो गए हैं कि भाजपा नेशनल कांफें्रस के साथ मिलकर सरकार बना सकती है।