रायपुर। छत्तीसगढ़ में हुए सीआरपीएफ मर्डर केस में अब एक नया मोड़ आ गया है। पहले अपने साथी पर गोली चलाने से इंकार करने वाले जवान संत कुमार यादव ने नया खुलासा किया है। बता दें कि शनिवार को बासगुड़ा के 168वीं बटालियन में किसी ने अंधाधुंध गोली चला दी थी जिससे उसके 4 जवानों की मौत हो गई थी और एक जवान घायल हो गया था। इसके आरोप में संत कुमार यादव को बिना कुछ पूछे जेल में डाल दिया गया था। उसने कहा था कि उसकी ड्यूटी खत्म हो गई थी उसे कुछ पता नहीं है। मुख्यमंत्री रमण सिंह ने इस घटना पर दुख जताया था। अब जवान ने कहा है कि उसे फंसाया जा रहा है।
शामिल होने से किया इंकार
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ के बासगुड़ा इलाके में सीआरपीएफ के 168वीं बटालियन में यह घटना हुई थी। बीजापुर स्थित बासागुडा सीआरपीएफ कैंप में शनिवार शाम को एक जवान द्वारा की गई अंधाधुंध फायरिंग में चार साथी जवानों की मौत हो गई, जबकि एक जवान घायल हो गया था। फायरिंग करने वाले सीआरपीएफ जवान की पहचान संत कुमार के रूप में हुई थी। आरोपी जवान संत कुमार यादव ने अपने ऊपर लगे आरोपों को खारिज करते हुए कहा था कि गोली किसने चलाई इसके बारे में उसे कुछ भी बता नहीं है क्योंकि उसकी ड्यूटी आॅफ हो चुकी थी। कलक्टर ने जवानों के उस आरोप को भी खारिज कर दिया, जिसमें कहा गया है कि संत कुमार ने राइफल छीनकर 90 राउंड गोलियां चलाईं थी।
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मानवाधिकार आयोग की जांच
आपको बता दें कि आरोपी जवान ने अपने अधिकारियों पर उसकी शिकायतों को अनदेखी करने का आरोप लगाते हुए कहा कि जवानों की बात नहीं सुनी जाती है। अब इस घटना में एक नया मोड़ आ गया है। जवान संत कुमार यादव ने कहा कि गोली किसी दूसरे हथियार से चली है क्योंकि उसके पास जो हथियार हैं उससे गोली नहीं चली है। अपने अधिकारियों पर आरोप लगाते हुए संत कुमार यादव ने कहा था कि मैं यहां चल रहे सभी चार सौ बीसी को जानता हूं। यहां आदिवासियों को नक्सली बताकर मार रहे हैं। हाल ही में तिम्मापुर के किसान के बेटे को भी नक्सली बताकर मार दिया गया था। इन आरोपों के बाद अब यह पूरा मामला पेचीदा हो गया है। पुलिस अभिरक्षा में जवान ने जो बयान दिया है वैसे ही आरोप इलाके के आदिवासी और अन्य लोग लगाते रहे हैं। यहां बता दें कि इस इलाके में पहले भी सुरक्षा बलों के जवानों पर इस तरह के आरोप लगते रहे हैं। यहां आदिवासी युवतियों के साथ जवानों द्वारा बलात्कार के मामले की जांच राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग भी कर रहा है।
सीआरपीएफ की जांच
कलेक्टर अय्याज तंबोली के मुताबिक, मृतक और जख्मी और गोली चलाने वाले जवान के बीच पुरानी रंजिश थी, लेकिन यह तय है कि छुट्टी को लेकर कोई विवाद नहीं था। पुलिस मामले की जांच कर रही है, सीआरपीएफ भी अलग से जांच करेगी, जिसके बाद सही जानकारी सामने आ सकेगी।