Wednesday, April 24, 2024

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एनआईए कोर्ट ने ‘बिहारी’ यास्मीन को सुनाई 7 साल की सश्रम कारावास की सजा, युवकों को आईएस में भर्ती कराने का आरोप

अंग्वाल न्यूज डेस्क
एनआईए कोर्ट ने ‘बिहारी’ यास्मीन को सुनाई 7 साल की सश्रम कारावास की सजा, युवकों को आईएस में भर्ती कराने का आरोप

नई दिल्ली। देश के युवाओं को बहकाकर इस्लामिक संगठन (आईएस) में भर्ती करवाने के आरोप में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने केरल में रहने वाली बिहार की यास्मीन मोहम्मद जाहिद को 7 साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। भारत में आईएसआईएस से जुड़े किसी मामले में सजा सुनाए जाने का यह पहला मामला है। बताया जा रहा है कि कोच्ची में एनआईए की अदालत ने यास्मीन को 15 नौजवानों को आईएस में भर्ती करवाने का दोषी पाया है। ये सभी युवक केरल के कासरगोड़ जिले के रहने वाले थे। इन युवाओं को भर्ती कर केरल से अफगानिस्तान भेज दिया गया था। 

गौरतलब है कि मूल रूप से बिहार के सीतामढ़ी की रहने वाली यास्मीन के खिलाफ मई 2016 में पहली बार मामला दर्ज हुआ था और जुलाई 2016 में उसे पहली बार दिल्ली एयरपोर्ट से उस वक्त गिरफ्तार किया गया था जब वह अफगानिस्तान के लिए उड़ान भरने वाली थी। यहां बता दें कि एनआईए ने इस मामले में अब्दुल राशिद नाम के एक शख्स के खिलाफ भी केस दर्ज किया है। बताया जा रहा है कि केरल के युवाओं को आईएसआईएस में भर्ती कराने का मास्टरमाइंड यही है और इसके तार अफगानिस्तान में आईएस से जुड़े हैं। फिलहाल से भी अफगानिस्तान में ही है। 


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यहां बता दें कि एनआईए ने यह खुलासा किया है कि अब्दुल राशिद इससे पहले भी देश के 14 युवकों को बहकाकर आईएसआईएस का सदस्य बना चुका है जिसमें यास्मीन भी शामिल थी। एनआईए की जांच में इस बात का पता चला है कि  अब्दुल राशिद ने आईएसआईएस में भर्तियों के लिए धनराशि इकट्ठी कर यास्मीन को ट्रांसफर कर देता था और यास्मीन इन पैसों का उपयोग नौजवानों को आईएस में भर्ती कर देश से बाहर भेजने में करती थी।

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