नई दिल्ली । जम्मू कश्मीर के पुलवामाम में हुए आतंकी हमले के बाद जांच कर रही एनआईए को इस घटना से जुड़ा एक और बड़ा सबूत हाथ लग गया है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने घटनास्थल से आत्मघाती आतंकी की कार के हिस्से की जांच करने के बाद खुलासा किया है कि वह कार वर्ष 2010-11 मॉडल की मारुति ईको थी। इस कार में हादसे को अंजाम देने के लिए और कार की पहचान को छिपाने के लिए उसपर दोबारा से रंग करवाया गया था। इसके बाद ही इस कार को गत 14 फरवरी के दिन सीआरपीएफ के काफिले पर हमले के लिए अंजाम देने से पहले विस्फोटकों से भरा गया था।
बता दें कि पुलवामा आतंकी हमले का विस्फोट इतना जोरदार था कि इस विस्फोट के बाद आत्मघाती आतंकी की कार समेत विस्फोट से जुड़े कुछ सबूत करीब 200 मीटर दूर तक जाकर गिरे थे। अंग्रेजी अखबार दि इंडियन एक्सप्रेस में प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक, NIA के अफसरों ने इन सबूतों की खोज में घटनास्थल के 300 मीटर तक का चप्पा-चप्पा खंगाला । इस दौरान उसने कई सैंपल एकत्र किए थे, जिनकी जांच के बाद अब बताया जा रहा है कि घटना में इस्तेमाल की गई मारूति ईको कार वर्ष 2010-11 मॉडल की थी। इतना ही नहीं उस कार पर कुछ समय पहले ही पेंट करवाया गया था।
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रिपोर्ट के मुताबिक , एनआईए को अपनी जांच के दौरान घटनास्थल से एक जरकन और नंबर अंकित धातु का टुकड़ा मिला है । यह जरकन 20-25 लीटर का था जिसमें 30 किलोग्राम RDX पैक कर IED बम बनाकर कार में रखा गया था। वहीं इस घटना को लेकर पहले ही सामने आ चुका है कि यह कार एक लाल रंग की थी। अब जांच एजेंसी इस बात का पता लगाने में जुटी हैं कि आखिर ये कार किसने कब खरीदी और उसके बाद किसे बेची ।
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इतना ही नहीं जांच एजेंसियों ने पिछले दिनों जम्मू कश्मीर में चोरी हुई कारों के रिकॉर्ड भी खंगालने शुरू कर दिए हैं। इसके साथ ही अन्य राज्यों के साथ किसी ईको कार के चोरी होने संबंधी आंकड़ों को भी खंगालने को कहा गया है। जांच एजेंसी इस कार के मालिक तक पहुंचना चाहती है।
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