नई दिल्ली। ज्यादातर राजनीतिक दल 2019 के लोकसभा चुनाव को लेकर अभी से सक्रिय हो गए हैं। सभी चुनावी तैयारियों को लेकर राजनीतिक समीकरण साधने और मंथन करने में जुट गए हैं। बिहार में भी 2019 लोकसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं। एनडीए में नीतीश कुमार के शामिल होने के बाद से बिहार में आगमी चुनाव को लेकर कयासों को दौर शुरू हो गया है। दरअसल, ज्यादा से ज्यादा सीट पाने के लिए राजनीतिक दल अपना-अपना दांव चल रहे हैं। 8 जुलाई को जदूय के राष्ट्रीय कार्यकारणी की बैठक है उससे पहले शनिवार को नीतीश कुमार दिल्ली में रामविलास पासवान से मुलाकात कर रहे हैं। 12 जुलाई को अमित शाह पटना जाने वाले हैं, इससे पहले दबाव की राजनीति के तहत पासवान को अपने पाले में दिखाने के लिए नीतीश कुमार ऐसा कर रहे हैं। बता दें कि बिहार में लोकसभा की 40 सीटें हैं। 2014 के लोकसभा चुनाव में एनडीए को कुल 31 सीटें प्राप्त हुई थी। जिसमें भाजपा को 22 सीटें, लोजपा को 6 और रालोसपा को 3 सीटें मिली थी। जदयू को केवल 2 सीटों पर जीत हासिल हुई थी। 2019 के लोकसभा चुनाव में जदयू बिहार में 15से 16 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है। इसके साथ ही झारखंड और पूर्वी यूपी में भी कुछ सीटें चाहती हैं।
नीतीश कुमार जदयू में शामिल तो हो गए हैं लेकिन उन्हें आशंका कम सीटें मिलने की है। ऐसे में अधिक सीटों के लिए वे राजनीतिक दांव चल रहे हैं। यही कारण है कि नीतीश आज पासवान से मुलाकात कर रहे हैं ताकि बिहार में अपनी हैसियत के मुताबिक सीटें प्राप्त करने में पासवान उनका समर्थन करें।