नई दिल्ली। लाइट और हैवी व्हीकल का अलग-अलग लाईसेंस बनवाने के लिए जद्दोजहद करने वाले लोगों को सड़क और परिवहन मंत्रालय ने बड़ी राहत दी है। अब लाइट और भारी वाहन चलाने के लिए लोगों को अलग-अलग लाईसेंस बनवाने की जरूरत नहीं होगी। हालांकि इसमें सरकार ने सभी भारी वाहनों को शामिल करने के बजाय कुछ श्रेणियों के वाहनों को रखा है। सरकार की ओर से कहा गया है कि गियर और बिना गियर वाली बाईक, आॅटोरिक्शा, कार और ई-रिक्शा शामिल होंगे। ऐसा होने से दुघर्टना होने की स्थिति में बीमा क्लेम लेने में काफी आसानी होगी।
गौरतलब है कि सड़क और परिवहन मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट के 2007 में दिए गए आदेश के बाद एडवाइजरी जारी करते करते हुए कहा कि ऐसे वाहन जिनका वजन साढ़े 7 टन से कम होता है वह लाइट मोटर व्हीकल श्रेणी में आते हैं ऐसे में इन्हें चलाने के लिए भारी वाहन का लाईसेंस बनवाने की आवश्यकता नहीं है।
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बता दें कि मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि दुर्घटना होने की स्थिति में बीमा क्लेम का निर्धारण वाहनों की श्रेणी के आधार पर किया जाता है ऐसे में कई बार कार या टैक्सी चालकों के पास भारी वाहन का लाईसेंस नहीं होने की वजह से उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। बीमा कंपनियां क्लेम प्रकरणों को खारिज करने के लिए इसका काफी दुरुपयोग भी कर रही थीं। इस कारण हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट तक में हैवी लाईसेंस को लेकर अपीलों की संख्या बढ़ रही थी।यहां आपको बता दें कि परिवहन मंत्रालय ने सभी किस्म के भारी वाहनों को इसके लिए छूट नहीं दी है। इनमें लाइटवेट कार, ई-रिक्शा, आॅटोरिक्शा, गियर और बना गियर वाली बाईक/स्कूटर को शामिल किया गया है।