नई दिल्ली। गुजरात में हुए बहुचर्चित सोहराबुद्दीन एनकाउंटर मामले की जांच कर रहे सीबीआई के विशेष जज बीएच लोया की मौत की जांच किए जाने के मामले में गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला दिया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि जस्टिस लोया की मौत की एसआईटी जांच नहीं की जाएगी। यहां बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस मामले में चारों जजों के द्वारा दिए गए बयानों पर कोई संदेह नहीं किया जा सकता है। कोर्ट ने अपनी टिप्पणी में कहा कि इन जजों के बयान पर संदेह करने का मतलब है न्यायपालिका की निष्ठा पर संदेह करना होगा।
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गौरतलब है कि जस्टिस लोया की संदिग्ध मौत के मामले में काफी विवाद हुआ था। बता दें कि जस्टिस लोया की मौत एक शादी समारोह में हृदयगति के रुक जाने की वजह से हो गई थी। हालांकि इस मामले को लेकर कांग्रेस के पूर्व नेता तहसीन पूनावाला ने इसकी जांच दोबारा एसआईटी से कराने की याचिका दायर की थी। बता दें कि कांग्रेस नेता तहसीन पूनावाला, पत्रकार बीएस लोने, बांबे लॉयर्स एसोसिएशन सहित अन्य द्वारा विशेष जज बीएच लोया की मौत की निष्पक्ष जांच की मांग वाली याचिकाओं पर 16 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित कर लिया था।
बता दें कि इस मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली तीन जजों की बेंच ने की। मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि शिकायतकर्ता ने जनहित याचिका का दुरुपयोग किया है।